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जिनिवा/नई दिल्ली : काले धन के प्रवाह पर अंकुश लगाने के इरादे से स्विस बैंक विदेशी ग्राहकों के मामले में जांच व्यवस्था दुरस्त करेंगे और उन्हें अंतरराष्ट्रीय कर नियमों का अनुपालन करने की सलाह देंगे। स्विट्जरलैंड के कर मामलों में अन्य देशों के साथ सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान व्यवस्था पर सहमति होने के मद्देनजर इस दिशा में नये कदम उठाये जा रहे हैं।
स्विट्जरलैंड बैंकिंग गोपनीयता के लिये चर्चित है और भारत में यह माना जाता है कि वह काले धन का सुरक्षित पनाहगाह है। वैश्विक नियमन के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिये स्विस बैंकर्स एसोसिएशन (एसबीए) ने बैंक को यह सुनिश्चित करने के लिये कहा है कि देश में काले धन का प्रवाह न हो और इसके लिये कदम सुझाये हैं।
एसबीए की सिफारिशों के अनुसार बैंकों से ऐसी किसी भी संपत्ति को स्वीकार नहीं करने को कहा गया है जहां उन्हें पता है कि इस पर कर का भुगतान नहीं किया गया है। यह उन सभी विदेशी ग्राहकों पर लागू होगा जो स्विट्जरलैंड में बैंक बदलते रहते हैं।
एसोसिएशन ने बयान में कहा, ग्राहकों के मामले में जांच व्यवस्था और दुरस्त करने के साथ बैंकों को यह सुनिश्चित करना है कि ग्राहक बिना कर का भुगतान किये संपत्ति स्विट्जरलैंड नहीं लाये। एसबीए की वेबसाइट के अनुसार 1912 में गठित एसबीए में 333 संस्थागत सदस्य तथा 18,700 व्यक्तिगत सदस्य हैं। इसके अलावा एसोसिएशन ने स्विस बैंकों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि ग्राहक नियामकीय जरूरतों को पूरा करे। (एजेंसी)