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नई दिल्ली : सरकार प्रमुख शहरों में वाहनों के प्रदूषण में कमी लाने के लिए चालू वित्त वर्ष के अंत तक और 50 शहरों में यूरो-4 मानक के पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति करेगी। वर्तमान में यूरो-4 या भारत-4 मानक के पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद और लखनउ सहित 26 शहरों में की जा रही है।
यूरो-4 उत्सर्जन मानकों को पूरा करने वाले निम्न स्तर के सल्फर युक्त पेट्रोल व डीजल की बिक्री एक अप्रैल, 2010 से दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलूर, कानपुर, आगरा, पुणे, सूरत, अहमदाबाद, हैदराबाद, लखनउ और शोलापुर जैसे 13 शहरों में शुरू की गई थी। देश के बाकी हिस्सों में यूरो-3 या बीएस-3 ग्रेड के ईंधन की आपूर्ति की जा रही थी। इसके बाद से यूरो-4 ग्रेड के ईंधन की आपूर्ति और 13 शहरों में की जाने लगी।
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक आदेश में कहा गया है, मंत्रालय ने वाहन ईंधन नीति की सिफारिशों से आगे जा कर मार्च, 2015 तक और 50 शहरों में बीएस-4 ईंधन उपलब्ध कराने का निर्णय किया है। इसमें सबसे ज्यादा तरजीह अति प्रदूषित ऐसे शहरों, राज्य की राजधानियों को दी जाएगी जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है। आदेश में कहा गया कि मंत्रालय ने इन शहरों की पहचान करने के लिए अतिरिक्त निदेशक (पेट्रोलियम, नियोजन व विश्लेषण प्रकोष्ठ) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है।
तेल कंपनियों का कहना है कि यूरो-4 ग्रेड के पेट्रोल पर प्रति लीटर 41 पैसे और डीजल पर 26 पैसे का अतिरिक्त खर्च होगा। तेल कंपनियों ने 2005 में यूरो2 और यूरो3 मानकों वाले ईंधन की आपूर्ति शुरू करने के लिए 30,000 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
(एजेंसी)