नारायण साईं के कई डुप्‍लीकेट
Advertisement

नारायण साईं के कई डुप्‍लीकेट

जब तक उसके चेहरे पर झूठ और मक्कारी का नकाब था तब तक उसकी काली करतूतें दुनिया से छुपी थीं लेकिन जबसे उसका नकाब उतरा है तबसे वो भागता फिर रहा है पुलिस से बचने के लिए उसने अपना रूप भी बदला और ठिकाना भी अब खबर है कि शहर में आ गए हैं उसके कई डुप्लीकेट।

fallback

ज़ी मीडिया/क्राइम रिपोर्टर
जब तक उसके चेहरे पर झूठ और मक्कारी का नकाब था तब तक उसकी काली करतूतें दुनिया से छुपी थीं लेकिन जबसे उसका नकाब उतरा है तबसे वो भागता फिर रहा है पुलिस से बचने के लिए उसने अपना रूप भी बदला और ठिकाना भी अब खबर है कि शहर में आ गए हैं उसके कई डुप्लीकेट।
एक है असली नारायण और दूसरा है नकली नारायण एक नारायण फरार है तो दूसरा नारायण किसी भी नारायण साईं नाम के भगोड़े को जानने से इनकार कर रहा है। अमित भारद्वाज नाम के इस शख्स का दावा है कि पुलिस ने सिर्फ मिलती जुलती शक्ल की वजह से पकड़ लिया इसने पुलिस के सामने अपनी सफाई दी और उन्हें संतुष्ट कर उनके चंगुल से छूट भी गया लेकिन बड़ी खबर तो ये है कि नाराय़ण साईं ने अपने से मिलते जुलते चेहरे वाले कई लोगों को खोज लिया है और उनलोगों को पुलिस को भरमाने के काम में लगा दिया है बताया जा रहा है कि नारायण साईं खुद तो अपने खास ठिकानों पर ही छिपता फिर रहा है लेकिन अपने हमशक्लों को उसने खुलकर आलीशान गाड़ियों में सवार होकर घूमने का निर्देश दे रखा है कहा जा रहा है कि इन लोगों को कहा गया है कि खुलेआम घूमने के दौरान लोगों की नजर में आने के बाद वे तुरंत ही किसी खास ठिकाने पर जाकर छिप जाएं ऐसा होने से पुलिस तक तो नारायण साईं को देखे जाने की खबर आयेगी और उसका ध्यान असली नारायण साईं के सुराग तलाशने से हटकर इस नकली नारायण को पकड़ने की ओर लग जाएगा, अगर गलती से नकली नारायण साईं पकड़ा भी गया तो वो अपनी असली पहचान बताकर आसानी से पुलिस के चंगुल बच जाएगा।
पिछले कुछ दिनों में नारायण साईं को देश के कई हिस्सों में देखे जाने की खबरें आई हैं लेकिन उस पर हाथ डालने में पुलिस कहीं भी कामयाब नहीं हो सकी जानकारों का कहना है कि जितने जगहों से उसे देखे जाने की खबर आई है संभव है उनमें से कई जगहों पर नारायण साईं की जगह उसके हमशक्ल को देखा गया हो और पुलिस उन हमशक्लों के चक्कर में ही पड़कर रह गई हो। साफ है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए नारायण साईं अपने शातिर दिमाग का हरसंभव इस्तेमाल कर रहा है और अभी तक उसे अपनी कोशिशों मे कामयाबी भी मिली है। आपको बता दें कि इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन ने तो बाकायदा अपने हमशक्लों की एक बड़ी टीम बना रखी थी जोखिम वाली जगहों पर सद्दाम खुद जाने की जगह उन्हें ही भेजा करता था अब नारायण साईं के हमशक्लों की टीम की बात आने के बाद लगने लगा है कि वो भी बचने के लिए सद्दाम जैसी शातिर दिमागी को ही अंजाम दे रहा है नारायण साईं भाग रहा है छिप रहा है और बचने में कामयाब भी हो रहा है सिर्फ गुजरात पुलिस ही नहीं, बल्कि कई राज्यों की पुलिस उसके पीछे है फिर भी वो बार-बार पुलिस को चकमा दे रहा है कई बार वो नज़र भी आया लेकिन पुलिस के हाथ आने से पहले ही भाग निकला।
लिहाजा ये सवाल अब भी कायम है कि आखिर नारायण साईं है कहां? कहां छिपा है नारायण साईं? आगे-आगे नारायण साईं, पीछे-पीछे पुलिस रेप के आरोप में केस दर्ज होने के बाद से ही नारायण साईं पुलिस से भागता फिर रहा है जबसे नारायण साईं के खिलाफ सूरत में दो बहनों के यौन शोषण का मामला दर्ज हुआ, तभी से चोर-पुलिस के इस खेल का सिलसिला बदस्तूर जारी है दो बहनों से रेप के मामले में नारायण साईं के खिलाफ 6 अक्टूबर 2013 को सूरत में एफआईआऱ दर्ज हुई थी। लेकिन एफआईआर दर्ज होने के बाद खुद को पुलिस के हवाले करने की बजाए नारायण साईं आश्रम छोड़कर फरार हो गया। नारायण साईं की गिरफ्तारी के लिए 29 अक्टूबर को अरेस्ट वारंट भी जारी किया गया था इसके बावजूद वो अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है। खुद को संत कहने वाला और हजारों लोगों का आध्यात्मिक गुरु होने का दावा करने वाला नारायण साईं करीब दो महीने से पुलिस से भागता फिर रहा है अपनी शातिराना चालों से पुलिसवालों को चकमा दे रहा है।
पुलिस उसके ठिकानों पर दबिश तो डालती है लेकिन हर बार नाराय़ण साईं पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हो जाता है। नारायण के मददगार सेवादार पुलिस को नारायण के तीन सेवादारों की भी तलाश है माना जा रहा है कि नारायण साई लगातार अपने उन तीनों सेवादारों के संपर्क में है और वो तीनों ही उसके लिए छिपने की जगह और पैसों का इंतजाम कर रहे हैं। नारायण और आसाराम के पुराने सेवादार जिस तरह नारायण साई को भागने और छिपने में मदद कर रहे हैं उससे साफ है कि आसाराम और नारायण साईं का नेटवर्क अब भी पहले की तरह ही काम कर रहा है। जैसा बाप वैसा बेटा, जी हां, नारायण साईं से जुड़े अब तक जितने भी खुलासे हुए हैं उनसे एक बात तो साफ हो चुकी है कि बेटा अपने बाप से किसी भी मामले में कम नहीं है। आश्रमों में होने वाली हर काली करतूत को बाप बेटे की ये जोड़ी मिलजुलकर अंजाम देती थी और आश्रम के सेवादार और सेविकाएं निभाते थे मददगार का किरदार। जैसा बाप वैसा बेटा अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि नारायण साईं भी अपने बाप आसाराम के पदचिह्नों पर चल रहा था बाप-बेटे की इस जोड़ी ने देश भर में फैले अलग-अलग आश्रमों में सेविकाओं के नाम पर 50 से ज्यादा महिलाओं को रखा हुआ था, इन सेविकाओं में कई नारायाण साईं की बेहद खास थीं आरोप तो ये भी है कि आश्रम की कई सेविकाएं ही नारायण साईं के लिए लड़कियां मुहैया करवाती थीं मासूम लड़कियों को आस्था, भक्ति और इलाज के नाम पर अपने जाल में फंसाया जाता था और फिर उन्हें आसाराम और नारायण साईं के पास भेज दिया जाता था।
जो लड़की एक बार आश्रम की चारदीवारी के अंदर पहुंच गई उसके बाद उसका बाहर आ पाना मुश्किल हो जाता था। आश्रम, लड़कियां और ` कोड वर्ड` कई सेवकों और सेविकाओं से पूछताछ में पता चला है कि आश्रम में लड़कियों को लाने और ले जाने के लिए कुछ खास कोड वर्ड्स का इस्तेमाल किया जाता था मसलन जब नारारायण साईं के लिए कोई नई लड़की पेश की जाती थी तो उसके लिए कहा जाता था `लाल तिलक लगा लिया है`।

जब आश्रम में पहले से मौजूद किसी लड़की को नारायण साईं के पास भेजा जाता था तो कहा जाता था ` चंदन का तिलक लगा लिया है `। जब नारायण साईं के पास पेश करने के लिए लड़कियों को तैयार कर लिया जाता था तो कहा जाता था ` भगवान का भोग तैयार हो गया है`। जब किसी लड़की को आश्रम में रोकने का फरमान जारी करना होता था तो कहा जाता था ` तिलक मिटने न पाए, मुंह मत धोना`। जांच में ये भी पता चला है कि आश्रमों में लड़कियों को डराया धमकाया जाता था और नारायण साईं के पास जाने के लिए मजबूर किया। तफ्तीश ये भी साफ हो चुका है कि आश्रम में काम करने वालों को नारायण साईं की काली करतूतों की पूरी जानकारी थी पुलिस को उम्मीद है कि नारायण की गिरफ्तारी के बाद उससे और आश्रमों से जुड़े कई राज सामने आएंगे ये भी पता चल सकेगा कि आश्रमों में यौन शोषण की शिकार हुई लड़कियों की फेहरिस्त में कितनी मासूम लड़कियों के नाम शामिल हैं।
यही वजह है कि कई राज्यों की पुलिस की साझा टीमें लगातार नारायण साईं की तलाश में छापेमारी कर रही है। लेकिन फिलहाल तो हकीकत यही है कि अभी तक इस मामले में पुलिस के हाथ खाली के खाली हैं। नारायण साईं के कितने रूप हैं कितने डुप्लिकेट हैं ये कोई नहीं जानता लेकिन इतना तो साफ है कि वो है बड़ा शातिर जब से नारायण फरार हुआ है तब से उसे कई जगहों पर देखा गया है पुलिस की टीमों ने पूरे लाव-लश्कर के साथ उसका पीछा भी किया, लेकिन वो हाथ नहीं आया सवाल ये है कि क्या वो असली नारायण था या सिर्फ आंखों का धोखा था? श्रद्धालुओं के सामने उछल उछल कर नाचने वाला नारायण साईं अभी फरार है। श्रद्धालुओं के सामने धर्मगुरु बनकर प्रवचन देने वाला नारायण साईं इन दिनो भागा-भागा फिर रहा है दो महीने का वक्त होने वाला है लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए वो अपने किसी खास ठिकाने पर छिपा हुआ है। ऐसा ठिकाना जिसकी जानकारी उसके कुछ खास लोगों को ही है एक नारायण, अनेक चेहरे
खबर है कि नारायण खुद तो खास ठिकाने पर छिपा है लेकिन इसी दौरान अलग अलग शहरों में भी उसे देखा जा रहा है।
फरार होने के तुरंत बाद ही मध्य प्रदेश के कई शहरों में उसे देखे जाने की खबर आई लगभग उसी दौरान उसे छत्तीसगढ़ में भी देखा गया इसके अलावा कुछ लोगों ने जयपुर में पांच बत्ती के पास भी उसे एक बड़ी एसयूवी में सवार होकर कहीं जाते हुए देखने का दावा किया ताजा खबर उसे वृंदावन, अलीगढ़ और बिहार के भागलपुर मे देखे जाने की है। ऐसे में सवाल ये है कि आखिर नारायण इन तमाम जगहों में से कहां छिपा हुआ है जानकारों के मुताबिक नारायण साई अपने कुछ अति विश्वासी लोगों के ही संपर्क में है और उनकी मदद से वो न केवल अपने छिपने, भागने और दूसरी जरुरतों के लिए पैसे का इंतजाम कर रहा है बल्कि अपने कुछ हमशक्लों को अलग अलग इलाकों भेजकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश में भी लगा हुआ है। माना जा रहा है कि अभी तक नारायण साईं की तरह दिखने वाले तीन लोगों को अलग अलग इलाकों में देखा जा चुका है लोगों से जानकारी मिलने के बाद पुलिस भी इन जगहों पर दबिश दे चुकी है लेकिन अभी भी पुलिस के हाथ खाली हैं।
साफ है कि नारायण अपने शातिर दिमाग की मदद से अभी तक फरार रहने में कामयाब रहा है पुलिस के लिए अब इस रेप के आरोपी को गिरफ्तार करना एक बड़ी चुनौती बन गई है। सूरत से भगीरथ पटेल के साथ विवेक पाठक, नारायण साईं के साथ है सेवादारों और सेविकाओं की लंबी-चौड़ी फेहरिस्त उसके पीछे है। लाखों समर्थकों की लंबी-चौड़ी फौज लेकिन कोई और भी है जो उसे लगातार बचा रहा है कौन है वो जिसके सामने पुलिस भी लाचार है। आखिर कौन है, जिसकी मदद से अब तक महफूज है नारायण साईं? कौन बचा रहा है नारायण साईं को ? सूरत की दो बहनों के गुनहगार नारायण साईं को कौन बचा रहा है ये एक ऐसा सवाल जिसका जवाब शायद हर किसी को मालूम है हकीकत ये है कि कानून के शिकंजे से बचने के लिए नारायण साईं को हर तरह की मदद मिल रही है। यही वजह है कि रेप और यौन शोषण जैसे संगीन इल्जाम में वांटेड होने के बावजूद नारायण साईं अब तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका है।
सफेदपोश की पनाह में महफूज नारायण साईं ? सूरत पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक नारायण साईं के सिर पर उत्तर प्रदेश के एक बड़े नेता का हाथ है और वो पुलिस से बचने में हर कदम पर उसकी मदद कर रहा है पुलिस के मुताबिक फरार होने के बाद से नारायण साईं लगातार उस नेता के संपर्क में है और उसने छिपने के लिए एक फार्म हाउस और पैसों का भी इंतजाम किया था। बताया जाता है कि इस नेता का दिल्ली में भी अच्छा नेटवर्क है। खबर ये भी है सूरत पुलिस ने नारायण साईं और उस नेता के बीच रिश्तों के सबूत भी जुटा लिए हैं लेकिन पुलिस का कहना है कि उस नेता पर कार्रवाई करने से पहले पुलिस का टारगेट नारायण साईं को गिरफ्तार करना है, उसके बाद साई के मददगार नेता पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
नारायण साईं पर दो बहनों से रेप और उनके यौन शोषण का आरोप है। इसी मामले में सूरत पुलिस ने नारायण के खिलाफ केस दर्ज किया है। रेप का आरोप लगाने वाली बहनों की शिकायत है कि 2002 से लेकर 2005 तक जब वो आसाराम के सूरत आश्रम में रहती थीं, तब नारायण साईं ने उनका यौन शोषण किया था। इस मामले में अदालत कई बार नारायण साईं को समन भेज चुकी है, लेकिन वो अदालत में हाजिर नहीं हुआ। आखिरकार नारायण साई को भगोड़ा करार दिया गया साथ ही 11 दिसंबर तक समर्पण नहीं करने की स्थिति में उसकी कुर्की जब्ती करने का भी आदेश दिया हालांकि नारायण साईं ने खुद को भगोड़ा घोषित किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील भी की है लेकिन वो अभी भी किसी अनजान ठिकाने पर छिपा हुआ है और पुलिस उसकी तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही है। नारायण साईं के खिलाफ केस दर्ज हुए दो महीने का वक्त होने वाला है लेकिन वो कहां है, ये अब भी किसी को नहीं मालूम खबर है कि अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए वो हर दांव इस्तेमाल कर रहा है। कभी वेष बदलकर तो कभी अपने अलग-अलग ठिकाने बदलकर। कहां है भगोड़ा नारायण?
इस सवाल का जवाब नारायण साईं और उसके कुछ गुर्गों के अलावा शायद ही किसी को मालूम हो करीब दो महीने से आसाराम का ये भगोड़ा बेटा पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहा है कई राज्यों की पुलिस नारायण की तलाश में दर-दर भटक रही है, लेकिन, उनके हाथ अबतक खाली ही हैं. पल पल ठिकाने बदलता साईं!
कई राज्यों की पुलिस नारायण की तलाश में उसके कई ठिकानों पर छापे मार चुकी है, लेकिन, पुलिस के पहुंचने से पहले ही नारायण साईं अपना बोरिया-बिस्तर समेट कर वहां से रफूचक्कर हो जाता है राजस्थान, यूपी, मध्य प्रदेश से लेकर हिमाचल और महाराष्ट्र तक में उसके होने की बात कही जा रही है दावा ये भी किया जा रहा है कि वो किसी भी एक ठिकाने पर ज्यादा समय तक नहीं रुकता ताकि किसी को भी उसके आने या जाने का शक न हो जाये और वो मिलता भी है तो सिर्फ़ अपने भरोसे के लोगों से और वो भी हुलिया बदल कर।
लक्ष्मण सेवकानी की बातों पर यकीन करें, तो नारायण इन दिनों कुछ ऐसा दिखता है। यानी भरी दाढ़ी वाले चेहरे की जगह उसने अब दाढ़ी मूंछ मुंडाकर अपना चेहरा चिकना कर लिया है और इस नई वेषभूषा की वजह से वो आसानी से पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहा है आगरा में रहनेवाले लक्ष्मण का दावा है कि पुलिस से भागता फिर रहा नारायण कुछ वक्त पहले उसके घर आया था लेकिन, एक रात की सेवा करने के बाद ही उन्होंने नारायण के आगे हाथ जोड़ लिए। बताया ये भी जा रहा है कि ठिकाना बदलने के साथ साथ नारायण अपना नंबर भी लगातार बदल रहा है। ये नंबर वो अपने कुछ खास लोगों के नाम पर लेता है ताकि वो अपने खास लोगों से संपर्क में बना रहे लेकिन इन नंबरों का भी एक दो दिन तक ही इस्तेमाल करने के बाद वो दूसरे नंबर का इस्तेमाल करने लगता है लक्ष्मण सेवकानी का कहना है कि नारायण ने उससे भी सिमकार्ड खरीदने के लिए कहा था लेकिन ऐसा करने के लिए वो तैयार नहीं हुआ।
नारायण साईं वेश बदलकर पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहा है और, पुलिस हर उस मुमकिन ठिकाने पर उसे तलाश रही है जहां उसके छिपे होने की खबर उसे मिल रही है। लक्ष्मण सेवकानी से हुलिया बदलने की जानकारी मिलने के बाद सूरत पुलिस ने नारायण साईं की कुछ ऐसी तस्वीरें भी अपनी टीमों को दी है जिनमें वो बिना दाढ़ी मूंछ के या फिर दाढ़ी मूछ और सिर के बाल साफ कराये हुए दिखता है। साफ है कि नारायण अपने शातिर दिमाग की बदौलत लगातार पुलिस प्रशासन को चकमा दे रहा है और पुलिस के हाथ अभी भी खाली ही हैं।

Trending news