अध्‍यादेश के जरिये नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेन्‍द्र मिश्रा की नियुक्ति का विरोध करेगी कांग्रेस
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अध्‍यादेश के जरिये नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेन्‍द्र मिश्रा की नियुक्ति का विरोध करेगी कांग्रेस

ट्राई के पूर्व अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किए जाने के मसले पर विवाद बढ़ता जा रहा है।

अध्‍यादेश के जरिये नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेन्‍द्र मिश्रा की नियुक्ति का विरोध करेगी कांग्रेस

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : ट्राई के पूर्व अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किए जाने के मसले पर विवाद बढ़ता जा रहा है। जानकारी के अनुसार, कांग्रेस अब कानून में संशोधन करके नृपेन्‍द्र मिश्रा की नियुक्ति किए जाने का विरोध करेगी। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अध्‍यादेश के जरिये की गई नियुक्ति के इस कदम का संसद में विरोध करेगी।

गौर हो कि इससे पहले भी कांग्रेस ने नृपेन्द्र मिश्रा की मोदी के प्रधान सचिव के रुप में नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए सवाल उठाया था कि सरकार ने इस सिलसिले में अध्यादेश का रास्ता क्यों अपनाया। कांग्रेस नेता अजय माकन ने बीते दिनों कहा था कि पार्टी अधिकारी में कोई दोष नहीं बता रही है और ईमानदार एवं बेबाक व्यक्ति के रुप में उनकी सराहना करती है। मिश्रा की प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रुप में नियुक्त पिछले माह की गई थी।

सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर उस कानून में संशोधन किया जो मिश्र को इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त करने से रोक सकता था। ट्राई कानून के तहत पद छोड़ने के बाद उसके अध्यक्ष एवं सदस्य केंद्र या राज्य सरकारों में कोई अन्य नौकरी नहीं कर सकते हैं। मिश्रा 1967 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश कैडर के हैं।

कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मिश्र की नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक ही या फिर अगले आदेश तक रहेगी। मिश्र 2006 से 2009 के बीच भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष रह चुके हैं और 2009 में ही रिटायर हुए। 69 वर्षीय मिश्र उत्तर प्रदेश के हैं और राजनीति शास्त्र एवं लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर हैं।

जिक्र योग्‍य है कि ट्राई कानून इसके अध्यक्षों और सदस्यों को पद छोडने के बाद केन्द्र या राज्य सरकारों में किसी अन्य पद पर नियुक्ति से प्रतिबंधित करता है। कानून के इस प्रावधान जो मिश्र को प्रधान सचिव नियुक्त करने के आड़े आ सकता था, मोदी सरकार ने इसके संशोधन के लिए अध्यादेश लागू किया। मिश्रा की अध्यक्षता में ट्राई ने अगस्त 2007 में सिफारिश की थी कि स्पेक्ट्रम की नीलामी की जानी चाहिए। मिश्र 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले की सुनवाई में दिल्ली की एक अदालत में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में पेश हो चुके हैं। इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा आरोपी हैं। मिश्रा ने पुलक चटर्जी का स्थान लिया जो मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव थे।
वह केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में प्रधान सचिव की भूमिका महत्वपूर्ण होती है और वह पीएमओ, कैबिनेट सचिवालय और मंत्रालयों के सचिवों के बीच समन्वय के लिए संपर्क का कार्य करता है।

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