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हैदराबाद : नरेंद्र मोदी सरकार के पहले 100 दिनों के तेजी से फैसले लेने की नीति से देश और विदेश में भरोसा पैदा होने की बात कहते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को कहा कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की ‘स्पीड-ब्रेकर मंत्रालय’ वाली छवि बदल गयी है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि घरेलू निवेशकों, विदेशी निवेशकों और भारत के लोगों में एक नया भरोसा पैदा हुआ है। इसलिए कि मोदी सरकार ने अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और वन मंत्रालय (एमओईएफ) को एक समय लाइसेंस कोटा और परमिट राज की वापसी करने वाले मंत्रालय के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन अब तेजी से फैसले लिये जा रहे हैं और तंत्र में पारदर्शिता तथा विकेंद्रीकरण लाया गया है।
जावड़ेकर ने कहा कि नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ की बैठक 17 महीने के बाद हुयी। कई मामले लंबित पड़े थे। हमने सब की सहमति से गुण दोष के आधार पर फैसला किया। उससे तीनों चीजें हुयी। मैंने उसी दिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की। जावड़ेकर ने दावा किया कि मैं कहा सर, आपने प्रमुखता वाली परियोजनाओं को वर्गीकृत किया। इस तरह की 17 परियोजनाएं थीं। लेकिन उनके कार्यकाल में 17 महीने के दौरान इन्हें अनुमति नहीं दी गयी। मैंने कहा कि हमने बैठक की और 17 परियोजनाओं को मंजूरी दी। उन्होंने मुझे बधाई दी। फर्क यह है कि हमने फैसला करना शुरू कर दिया है।