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बेंगलुरु : पिछली यूपीए सरकार द्वारा नियुक्त किए गए राज्यपालों को उनके पद से हटाने की राजग सरकार की कोशिशों पर विपक्ष के हमलों के बीच केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि ‘व्यवस्था’ के हित में राजनीतिक तौर पर नियुक्त हुए सभी लोगों को स्वेच्छा से इस्तीफा दे देना चाहिए।
केंद्र की सत्ता में बदलाव के बाद यूपीए सरकार द्वारा नियुक्त किए गए राज्यपालों पर इस्तीफे के दबाव के बाबत एक सवाल के जवाब में नायडू ने कहा कि यह व्यवस्था के हित में होगा कि राजनीतिक तौर पर नियुक्त हुए सभी लोग स्वेच्छा से इस्तीफा दे दें। मैं ‘राजनीतिक तौर पर नियुक्त किए गए’ शब्द का इस्तेमाल कर रहा हूं और इसे इससे ज्यादा खींचने की जरूरत नहीं है।
संसदीय कार्य मंत्री का पद भी संभाल रहे नायडू ने राजग सरकार के कदम की आलोचना करने वाली कांग्रेस पर भी पलटवार किया और कहा कि विपक्षी पार्टी ‘उपदेश’ दे रही है। नायडू ने कांग्रेस पर ‘दोहरे मानदंड वाली राजनीति’ करने का आरोप लगाया और कहा कि ‘राजनीतिक सत्ता के साथ राजनीतिक तौर पर नियुक्त किए गए लोगों को भी जाना चाहिए।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के हमारे कुछ मित्र उपदेश दे रहे हैं। मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे अपनी अंतरात्मा में झांकें और यह पता करें कि उन्होंने क्या किया था। यदि वे करें तो अच्छा और यदि दूसरे लोग उनसे ऐसा करने की अपेक्षा करें तो बुरा?
क्या यह सही तरीका है? ऐसी दोहरे मानदंडों वाली राजनीति किसी के लिए अच्छी नहीं है।
यहां मेट्रो के काम की समीक्षा करने के बाद नायडू ने कहा कि इसे बड़ा मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं है। नई सरकार के आने पर राजनीतिक तौर पर नियुक्त लोगों को (निवर्तमान) सरकार के साथ चले जाना चाहिए। इसे विवादित बनाने की बजाय क्या यह सरकार के सुचारू कामकाज का सम्मानजनक तरीका नहीं है। राजनीतिक सत्ता के साथ राजनीतिक तौर पर नियुक्त किए गए लोगों को भी जाना चाहिए। यह मेरा विचार है।