महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने आज बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के नाबालिग आरोपियों से वयस्क अपराधियों के समान बर्ताव किए जाने की वकालत की।
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चेन्नई : महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने आज बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के नाबालिग आरोपियों से वयस्क अपराधियों के समान बर्ताव किए जाने की वकालत की।
यहां संवाददाताओं से बातचीत में मेनका गांधी ने कहा कि पुलिस के अनुसार, सभी यौन अपराधों में से 50 फीसदी अपराधों को ‘16 वर्षीय किशोरों द्वारा अंजाम दिया जाता है जो किशोर न्याय अधिनियम के बारे में जानते हैं।’ उन्होंने कहा कि वे उसका दुरूपयोग करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन अब पूर्व नियोजित हत्या, बलात्कार के लिए यदि हम उन्हें वयस्कों के बराबर मानकर चलते हैं तो इससे उनमें डर पैदा होगा।’ पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने पिछली संप्रग सरकार के शासनकाल में प्रस्ताव किया था कि जघन्य अपराधों के दोषी 16 वर्ष से उपर के किशोरों केा वयस्क अपराधियों के समान माना जाए।
इस कदम का विभिन्न गैर सरकारी संगठनों तथा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने यह कहते हुए विरोध किया था कि ऐसा प्रस्ताव बाल अधिकारों के खिलाफ है।