जलवायु परिवर्तन से बदला फूल खिलने का समय: रिपोर्ट
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जलवायु परिवर्तन से बदला फूल खिलने का समय: रिपोर्ट

फूलों का खिलना हिमालयी क्षेत्र में वसंत की शुरूआत का सूचक है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण अब सर्दी के शुरूआती दिनों में फूल खिलने लगे हैं। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। अल्मोड़ा स्थित जीबी पंत हिमालयी पर्यावरण एवं विकास संस्थान के वैज्ञानिकों के एक समूह की ओर से किए गए अध्ययन में इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि उत्तराखंड में फूलों के खिलने समय में बदलाव आया है।

जलवायु परिवर्तन से बदला फूल खिलने का समय: रिपोर्ट

कोलकाता: फूलों का खिलना हिमालयी क्षेत्र में वसंत की शुरूआत का सूचक है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण अब सर्दी के शुरूआती दिनों में फूल खिलने लगे हैं। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। अल्मोड़ा स्थित जीबी पंत हिमालयी पर्यावरण एवं विकास संस्थान के वैज्ञानिकों के एक समूह की ओर से किए गए अध्ययन में इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि उत्तराखंड में फूलों के खिलने समय में बदलाव आया है।

साल 2009-11 के बीच फूलों के खिलने को लेकर अध्ययन किया गया है। इसमें पाया गया है कि फरवरी से शुरूआत से मार्च के मध्य के दौरान फूल खिलने का दौर अपने चरम पर रहा, जबकि इससे पहले यह स्थिति मार्च से मई के बीच देखी जाती थी।

इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाले डॉक्टर रणबीर एस रावल ने कहा, ‘बागवानी के तीन साल के निरीक्षण से पता चला कि फरवरी-मार्च में फूल खिलने में काफी तेजी आई है।’ यह स्थिति ‘रोडोडेंड्रोन’ प्रजाति के फूलों के लिए है। इस प्रजाति के फूल छोटे पौधों पर खिलते हैं और ये फूल लाल और गुलाबी रंग के होते हैं। इस क्षेत्र में ऐसे फूलों का काफी सामाजिक-सांस्कृतिक महत्व है तथा उत्तराखंड में इन्हें प्रांतीय पौधे का दर्जा दिया गया है।

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