सेगे ने रेस रिकॉर्ड बनाकर जीती दिल्ली हाफ मैराथन
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सेगे ने रेस रिकॉर्ड बनाकर जीती दिल्ली हाफ मैराथन

इथोपिया के अत्सेदु सेगे ने नया रेस रिकार्ड बनाकर आज यहां एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन में पुरूष वर्ग का खिताब जीता जबकि महिला वर्ग में फ्लोरेन्स किपलगाट की अगुवाई में कीनियाई एथलीटों ने क्लीन स्वीप किया।

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नई दिल्ली : इथोपिया के अत्सेदु सेगे ने नया रेस रिकार्ड बनाकर आज यहां एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन में पुरूष वर्ग का खिताब जीता जबकि महिला वर्ग में फ्लोरेन्स किपलगाट की अगुवाई में कीनियाई एथलीटों ने क्लीन स्वीप किया। सेगे ने 59 मिनट 10 सेकेंड का का समय लेकर 59 . 15 मिनट का पिछला रिकार्ड तोड़ा जो 2008 में डेरिबा मर्गा ने बनाया था। पूर्व जूनियर विश्व चैंपियन कीनियाई ज्योफ्री किपसांग 59 . 30 मिनट का समय लेकर दूसरा जबकि उनके हमवतन विल्सन किपरोप ने 59 . 49 मिनट का समय निकालकर तीसरा स्थान हासिल किया लेकिन पिछले साल के चैंपियन एडविन किपयेगो आठवें स्थान पर रहे। किपसांग के 17 वर्षीय भाई इलियास का शुक्रवार को निधन हो गया था और उन्होंने दुख के बावजूद दौड़ में भाग लिया और उप विजेता रहे। महिला वर्ग में किपलगाट ने एक घंटे, सात मिनट 58 सेकेंड का समय निकालकर रेस जीती। इस साल बर्लिन मैराथन की विजेता किपलगाट की अगुवाई में कीनिया ने दबदबा बनाया। कीनिया की ग्लैडीज चेरोनो ने एक घंटा आठ मिनट तीन सेकेंड के साथ दूसरा जबकि लूसी काबू ने एक घंटा आठ मिनट दस सेकेंड का समय निकालकर तीसरा स्थान हासिल किया। पुरूष और महिला दोनों वर्ग के विजेताओं को समान 25 हजार डालर की इनामी राशि मिली। भारतीय एथलीटों में पुरूष वर्ग में जी लक्ष्मणन और महिलाओं में प्रीजा श्रीधरन ने रेस जीती। सेना के लक्ष्मणन ने एक घंटा चार मिनट 44 सेकेंड का समय निकाला। उनके बाद खेताराम (64 . 49 मिनट) दूसरे और रतिराम सैनी (64 . 51 मिनट) तीसरे स्थान पर रहे। लक्ष्मणन ओवरआल 15वें जबकि खेताराम 16वें और रति राम 17वें स्थान पर रहे।
इस 210,000 डालर इनामी प्रतियोगिता में कुल 31 हजार धावकों ने हिस्सा लिया था। पिछले साल सेगे इस दौड़ में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये थे। वह 20वें स्थान पर रहे और उनका टखना चोटिल हो गया था जिसके कारण वह लगभग साल भर तक बाहर रहे लेकिन आज वह फिर से अपनी फार्म में वापसी करने में सफल रहे। उन्होंने दौड़ पूरी करने के बाद कहा, ‘प्रतिस्पर्धा अच्छी थी क्योंकि कई अच्छे एथलीटों ने इसमें भाग लिया। मैं चैंपियन बनकर खुश हूं। मैं टखने की चोट के कारण लगभग एक साल तक नहीं खेल पाया। चोट से उबरने के बाद यह मेरी केवल दूसरी रेस थी और मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं।’ किपसांग ने कहा कि उनके लिये जिस तरह की परिस्थितियां बन गयी थी उसमें वह अपने प्रयास से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिये मुश्किल समय था क्योंकि दो दिन पहले मैंने अपना छोटा भाई गंवाया। मैंने दौड़ में भाग लेने का फैसला किया। मैं अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हूं और इस रेस को अपने भाई को समर्पित करता हूं। दौड़ते समय मैं यही सोच रहा था कि मुझे अपने भाई के लिये यह रेस पूरी करनी है।’ महिलाओं के एलीट वर्ग में हालांकि रेस में कुछ धीमापन दिखा क्योंकि एथलीटों पर दिल्ली की सर्दियों का असर दिख रहा था। किपलगाट ने कहा, ‘मैंने कुछ अधिक समय लिया क्योंकि मैं उड़ान संबंधी समस्याओं के कारण समय पर यहां नहीं पहुंच पायी थी। इसलिए मुझे यहां के वातावरण में ढलने का समय नहीं मिला।’
रेस पूरी करने बाद किपलगाट उल्टियां करने लगी थी। उन्होंने कहा, ‘मैं अच्छा महसूस नहीं कर रही थी। मैंने आखिरी पांच किलोमीटर की रेस में ज्यादा तेजी दिखायी लेकिन यह मेरे लिये बहुत अच्छा अनुभव था।’ भारतीय पुरूष विजेता लक्ष्मणन अधिकतर समय वी एल डांगी से पीछे रहे लेकिन आखिरी दो किमी में वह आगे निकलने में सफल रहे। उन्होंने कहा, ‘जीतकर अच्छा लग रहा है क्योंकि मैं वास्तव में लंबी दूरी की दौड़ के लिये तैयार नहीं था। मैंने केवल पांच किमी, दस किमी और एशियाई ट्रैक प्रतियोगिताओं के लिये तैयारी की थी।’ भारतीय महिला विजेता प्रीजा ने आखिरी किमी में तेजी पकड़ी और कविता को पीछे छोड़ा। उन्होंने कहा, ‘मैं एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन जीतकर बहुत खुश हूं। मैं पहली बार इसमें भाग ले रही थी और यहां की परिस्थितियां भी मुनार में हमारे शिविर जैसी ही हैं। इसका मुझे फायदा मिला।’ (एजेंसी)

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