स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने इंग्लैंड को ‘उप महाद्वीपीय टीमों के लिये कठिन स्थलों में से एक’ करार किया लेकिन कहा कि उनकी टीम का ध्यान बुधवार से शुरू होने वाली पांच मैचों की श्रृंखला में मजबूत प्रदर्शन करने पर लगा है। पहला टेस्ट मैच यहां बुधवार से शुरू होगा और दोनों टीमों ने ट्रेंट ब्रिज पर अपनी तैयारियां शुरू कीं।
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नाटिघंम : स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने इंग्लैंड को ‘उप महाद्वीपीय टीमों के लिये कठिन स्थलों में से एक’ करार किया लेकिन कहा कि उनकी टीम का ध्यान बुधवार से शुरू होने वाली पांच मैचों की श्रृंखला में मजबूत प्रदर्शन करने पर लगा है। पहला टेस्ट मैच यहां बुधवार से शुरू होगा और दोनों टीमों ने ट्रेंट ब्रिज पर अपनी तैयारियां शुरू कीं।
कोहली ने कहा, यह दौरा दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की बराबरी पर है। मैं कहूंगा कि ये चार जगह हैं, जहां उप महाद्वीपीय खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं। मेरे दिमाग में भी यही बात चल रही है। उन्होंने कहा, यह क्रिकेट खेलने के लिये बहुत विशेष स्थल है और मैं लार्डस में पहली बार टेस्ट मैच खेलूंगा। इसलिये व्यक्तिगत रूप से मेरे लिये यह बहुत रोमांचक दौरा है क्योंकि मैं यहां पहले कभी भी टेस्ट मैच नहीं खेला हूं और मैं सचमुच इसमें शानदार प्रदर्शन करना चाहता हूं। कोहली ने कहा, मैंने कुछ लक्ष्य बनाये हुए हैं जिन्हें मैं हासिल करना चाहता हूं और मैं इनके बारे में ही सोचूंगा। मैं यहां खेलने के लिये बहुत उत्साहित हूं।
भारतीय टीम हालिया टेस्ट भिड़ंत में इंग्लैंड के खिलाफ बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पायी है। उन्हें 2012-13 की घरेलू श्रृंखला में 1-2 से हार मिली थी और 2011 की गर्मियों में 4-0 से वाइटवाश का मुंह देखना पड़ा था। यह बाहर से भले ही बड़ा बोझ लग रहा हो लेकिन कोहली ने इससे इनकार करते हुए कहा कि नयी भारतीय टीम पर इसका कोई असर नहीं होगा।
उन्होंने कहा, हमने इसके बारे में बात नहीं कि हमने 2011 की श्रृंखला में क्या गलत किया था। हमने इससे निकलने वाली सकारात्मक चीजों के बारे में बात की। वह अलग समय था। तीन साल बाद हमारी टीम पूरी तरह से नयी है। हममें से ज्यादातर खिलाड़ियों ने यहां टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला है।
कोहली ने कहा, हमारे लिये यहां के हालात का अनुभव करना रोमांच से भरा होगा और हर कोई मैदान पर जाकर इसे परखना चाहता है। उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि हम 2011 की श्रृंखला के परिणाम की यादों को मिटा सकते हैं। यह इतिहास के पन्नों में दर्ज रहेगी, भले ही हमें यह पसंद हो या नहीं। हम सिर्फ यही कर सकते हैं कि हम पूरा ध्यान नयी श्रृंखला पर लगा सकते हैं और हम यहां पर हैं तथा हमें मजबूत प्रदर्शन करना होगा जो इस युवा टीम के लिये अच्छी टेस्ट टीम बनने और आगे बढ़ने के लिये शुरूआती चीज होगी।
कोहली ने कहा, उस श्रृंखला में जिस खिलाड़ी :राहुल द्रविड़: ने शानदार प्रदर्शन किया था, वह अभी हमारा मेंटर है और हमसे अपने अनुभव साझा कर रहा है। यह हमारे लिये बहुत बड़ी पाजीटिव चीज है।
भारतीय टीम प्रबंधन ने पूर्व भारतीय कप्तान द्रविड़ से टीम के लीसेस्टर में पहले अभ्यास मैच के बाद और पहले टेस्ट से पहले खिलाड़ियों की तैयारियों में मदद के लिये टीम से जुड़ने का आग्रह किया था।
कोहली ने कहा, वह हमें तकनीकी चीजों में मदद नहीं कर रहे हैं क्योंकि हर किसी का क्रिकेट खेलने का अपना अलग तरीका होता है। लेकिन वह हमें यहां के हालात बेहतर तरीके से समझने में मदद कर रहे हैं, कि गेंद कितनी स्विंग होती है और कितनी देर तक के लिये स्विंग होती है। किस तरह से हालात मैच को प्रभावित करते हैं और इसी तरह की बातें।
उन्होंने कहा, द्रविड़ ने हमें अपने वे अनुभव बताये जो उन्हें इंग्लैंड में हुए थे, जब उन्होंने वो शतक जड़े थे और इन कठिन हालात में रन बनाकर उन्हें कैसा महसूस हुआ था। बतौर बल्लेबाज आपको इसकी ही जरूरत होती है।
कोहली ने कहा, उन्होंने हम मानसिक रूप से मजबूत बनाने की कोशिश की है, जितना वह कर सकते हैं और वह किसी भी समय किसी की बल्लेबाजी और यहां तक की गेंदबाजी पर भी बात करने के लिये तैयार रहते हैं। उन्होंने सभी की मदद की है और टीम के साथ उनका होना तथा हमसे अपने अनुभव साझा करना शानदार है।