गावस्कर की अर्जी पर सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट की पीठ
Advertisement
trendingNow1227823

गावस्कर की अर्जी पर सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट की पीठ

सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल-7 के प्रबंधन के लिये नियुक्त भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के अंतरिम अध्यक्ष और वरिष्ठ क्रिकेट खिलाड़ी सुनील गावस्कर की अर्जी में उठाये गये मुद्दों पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं की क्योंकि हाल ही में नियुक्त न्यायाधीशों में से एक ने बतौर वकील एक पक्ष का प्रतिनिधित्व किया था।

गावस्कर की अर्जी पर सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट की पीठ

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल-7 के प्रबंधन के लिये नियुक्त भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के अंतरिम अध्यक्ष और वरिष्ठ क्रिकेट खिलाड़ी सुनील गावस्कर की अर्जी में उठाये गये मुद्दों पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं की क्योंकि हाल ही में नियुक्त न्यायाधीशों में से एक ने बतौर वकील एक पक्ष का प्रतिनिधित्व किया था।

प्रधान न्यायाधीश आर.एम. लोढा, न्यायमूर्ति पी.सी. घोष और न्यायमूर्ति रोहिन्टन नरीमन की पीठ के समक्ष जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो गावस्कर के नौ जून के पत्र में उठाये गये मुद्दों को पीठ ने इस प्रकरण के मुख्य मामले की सुनवाई कर रही खंडपीठ के पास इसे भेज दिया।

न्यायमूर्ति नरीमन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त होने से पहले एन. श्रीनिवासन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में पेश हुए थे। शीर्ष अदालत ने आईपीएल में सट्टेबाजी और स्पाट फिक्सिंग के आरोपों के मद्देनजर श्रीनिवासन के खिलाफ भी जांच का आदेश दिया था। यह मामला अब न्यायमूर्ति एफएमआई कलीफुल्ला की सदस्यता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होगा। इस पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायाधीश ए के पटनायक हाल ही में सेवानिवृत्त हो गये हैं।

इस बीच, इस मामले से जुड़े लोगों से पता चला है कि ने शीर्ष अदालत से अपनी भावी भूमिका के बारे में भी जानना चाहा है क्योंकि आईपीएल का सत्र खत्म हो चुका है। शीर्ष अदालत ने 16 मई को आईपीएल में सट्टेबाजी और स्पाट फिक्सिंग के मामले में श्रीनिवासन और 12 खिलाड़ियों के खिलाफ न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल समिति को जांच का आदेश दिया था।

इस समिति को अगस्त के अंत तक सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपनी है। न्यायालय ने श्रीनिवासन से कहा था कि जांच के दौरान वह बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करें। न्यायालय ने 28 मार्च को सुनील गावस्कर को आईपीएल-7 के बंदोबस्त के लिये बीसीसीआई का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया था जबकि शिवलाल यादव को बोर्ड की अन्य क्रिकेट गतिविधियों के लिये अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

गावस्कर ने बयान जारी कर इन मीडिया रिपोर्टों को सिरे से खारिज किया है कि उन्होंने बीसीसीआई से मुआवजा लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। गावस्कर की कंपनी द्वारा जारी मीडिया विज्ञप्ति में गावस्कर के हवाले से लिखा गया, ‘भारत के सम्मानित सुप्रीम कोर्ट को बीसीसीआई के बारे में शिकायत लिखने की खबर पूरी तरह से झूठी और शरारतपूर्ण है। मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया है और जिसने भी यह खबर फैलायी है, उम्मीद करता हूं कि वह इसे वापस लेगा।’ गावस्कर ने कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से पूछा था कि मौजूदा समय में बीसीसीआई में उनके पद की स्थिति को स्पष्ट करे।

गावस्कर ने कहा, ‘पहला आदेश जो मार्च के अंत में दिया गया था, उसमें स्पष्ट था कि मैं आईपीएल के खत्म होने तक टूर्नामेंट के लिये बीसीसीआई का अंतरिम अध्यक्ष रहूंगा। मई के मध्य में अदालत ने कहा कि शिवलाल यादव, जिन्हें अदालत ने बीसीसीआई का गैर आईपीएल मामलों का अंतरिम अध्यक्ष बनाया था और मैं अगले आदेश तक इसी पद पर जारी रहेंगे। इसलिये यह थोड़ा सा दुविधापूर्ण हो गया और मैंने सिर्फ इसी के बारे में पूछा था।’

Trending news