दिल्ली विश्वविद्यालय ने विवादास्‍पद एफवाईयूपी को लिया वापस; तीन वर्षीय स्‍नातक कोर्स में दाखिला जल्‍द होगा शुरू, कमेठी गठित
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दिल्ली विश्वविद्यालय ने विवादास्‍पद एफवाईयूपी को लिया वापस; तीन वर्षीय स्‍नातक कोर्स में दाखिला जल्‍द होगा शुरू, कमेठी गठित

यूजीसी के दबाव के आगे झुकते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने शुक्रवार को विवादास्पद चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) को रद्द कर दिया। इसके बाद, डीयू की ओर से तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के पुराने ढांचे को फिर से अपनाने की घोषणा की गई।

दिल्ली विश्वविद्यालय ने विवादास्‍पद एफवाईयूपी को लिया वापस; तीन वर्षीय स्‍नातक कोर्स में दाखिला जल्‍द होगा शुरू, कमेठी गठित

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्ली : यूजीसी के दबाव के आगे झुकते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने शुक्रवार को विवादास्पद चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) को रद्द कर दिया। इसके बाद, डीयू की ओर से तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के पुराने ढांचे को फिर से अपनाने की घोषणा की गई। वहीं, तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के मुद्दे को देखने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रचार्यों की 12 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। जानकारी के अनुसार, दाखिले की प्रकिया जल्‍द शुरू हो जाएगी। गौर हो कि बीते कुछ दिनों से विवादास्पद एफवाईयूपी पर डीयू और यूजीसी के बीच गतिरोध पैदा हो गया था।

डीयू के कुलपति दिनेश सिंह की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में सभी संबद्ध विश्वविद्यालयों के प्राचार्यों से नए सत्र में दाखिला शुरू करने को कहा गया है। सिंह ने कहा कि यूजीसी के निर्देशों के अनुरुप विश्वविद्यालय ने एफवाईयूपी को वापस लेने का निर्णय किया है। इसी के अनुरूप दाखिला प्रक्रिया शैक्षणिक सत्र 2012.13 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कालेजों में लागू पाठ्यक्रम के तहत होगी। इस निर्णय के बाद शैक्षणिक सत्र 2014-15 के लिए दाखिला प्रक्रिया पर जारी अनिश्चितता पर विराम लग गया। इसके साथ ही, विवादास्पद एफवाईयूपी पर दिल्‍ली यूनिवर्सिटी और यूजीसी के बीच गतिरोध समाप्‍त हो गया।

विश्वविद्यालय के 64 कालेजों की 54 हजार सीटों पर दाखिले के लिए 2.7 लाख छात्रों ने आवेदन किया है। इनमें दाखिला 24 जून को शुरू होना था लेकिन गतिरोध के कारण इसमें देरी हो रही थी। सिंह ने कहा कि डीयू ने समय की मांग और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू करना सुनिश्चित किया है।

सिंह ने बयान जारी करते हुए विश्वविद्यालय से संबद्ध विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यों से तीन वर्षीय प्रारूप के तहत नये सत्र में पंजींरकण शुरू करने को कहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) तुरंत खत्म करने और पंजीकरण शुरू करने को लेकर कड़ा पत्र लिखे जाने के बाद कल रात यह गतिरोध खत्म हुआ।

सिंह ने कहा कि यूजीसी के निर्देशों के अनुरूप विश्वविद्यालय ने एफवाईयूपी को वापस लेने का निर्णय किया है। इसी के अनुरूप दाखिला प्रक्रिया शैक्षणिक सत्र 2012.13 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कालेजों में लागू पाठ्यक्रम के तहत होगी। फैसले से 2014-15 के लिए नामांकन प्रक्रिया को लेकर जारी अनिश्चितता खत्म हो गई। एफवाईयूपी के कारण डीयू और यूजीसी के बीच विवाद गहरा गया था। विश्वविद्यालय के 64 कॉलेजों में 54,000 सीटों के लिए नामांकन के वास्ते 2.7 लाख से ज्यादा छात्रों ने आवेदन किया है।

सिंह ने कहा कि डीयू ने समय की मांग और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू करना सुनिश्चित किया है। सिंह ने कहा कि ऐसी उम्मीद की जाती है कि हमारे कॉलेजों के प्राचार्य दाखिला प्रक्रिया शुरू करना और इसे तेजी से पूरा करना सुनिश्चित करने में मदद करेंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने के इच्छुक विद्यार्थियों को कुछ और दिन इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि प्राचार्यों की एक समिति को दाखिले के संबंध में तौर तरीके तैयार करने को कहा गया है। विश्वविद्यालय ने तीन वर्षीय प्रारूप के तहत प्रवेश के मुद्दे पर गौर करने के लिए कालेजों के प्राचार्यों की 12 सदस्यीय समिति बनाई है। इसकी अगुवाई डीयू प्रिसिंपल एसोसिएशन के अध्यक्ष एसके गर्ग करेंगे। गर्ग ने कहा कि हमने समय तय नहीं किया है लेकिन उम्मीद है कि मंगलवार से हम नामांकन प्रक्रिया शुरू करेंगे। अपने प्राचार्यो के साथ हमने एक अनौपचारिक बैठक की। कल से हम गंभीर विचार विमर्श शुरू करेंगे और जितना जल्द होगा वीसी को एक रिपोर्ट सौंपेगे।

उधर, दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने के इच्छुक विद्यार्थियों को कुछ और दिन इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि प्राचार्यों की एक समिति को दाखिले के संबंध में तौर तरीके तैयार करने को कहा गया है। विश्वविद्यालय ने तीन वर्षीय प्रारूप के तहत प्रवेश के मुद्दे पर गौर करने के लिए कालेजों के प्राचार्यों की 12 सदस्यीय समिति बनाई है। पंजीयक अल्का शर्मा ने यहां जारी एक बयान में कहा कि कुलपति ने प्राचार्यों की एक समिति बनाई है, जो दाखिले के तौर तरीके तैयार करेगी और कॉलेजों में प्रवेश से संबंधित सभी मुद्दों पर सलाह देगी और नजर रखेगी ताकि स्नातक पाठ्यक्रमों में नामांकन प्रक्रिया यथासंभव कम समय में और सुचारू ढंग से पूरी हो जाए। ’’ समिति के सदस्य और श्यामलाल कॉलेज के प्राचार्य आरएल गुप्ता ने कहा कि दाखिला सोमवार को शुरू होने की संभावना नहीं है। समिति यथाशीघ्र अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। डीयू प्रिसिंपल एसोसिएशन के अध्यक्ष एस के गर्ग की अगुवाई वाली इस समिति द्वारा रविवार तक कुलपति दिनेश सिंह को रिपोर्ट सौंपे जाने की संभावना है। एसोसिएशन की सचिव एस लक्ष्मी देवी ने कहा कि वे शीघ्र ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने का प्रयास करेंगे लेकिन वह कोई समय सीमा नहीं बता सकतीं। चार वर्षीय बी टेक कर रहे विद्यार्थियों के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं मालूम। उल्लेखनीय है कि डीयू यूजीसी के दबाव में तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम पर लौट आया है। अपने पाठ्यक्रम पर मंडरा रही अनिश्चितता को लेकर चार वर्षीय बीटेक के विद्यार्थियों ने आज यूजीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और मांग की कि उनका पाठ्यक्रम चार साल से तीन साल नहीं किया जाए।

इस फैसले के बाद परिसर में आज जश्न का माहौल छा गया। छात्र और शिक्षक खुशी से झूम उठे, पटाखे छोड़े गए और गीत गाए गए। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डीयूटीए), एबीवीपी, एनएसयूआई, एसएफआई, केवाईएस और ऐसे सभी अन्य लोगों ने जीत का जश्न मनाया, जिन्होंने चार वर्षीय पाठ्यक्रम के विरोध में अभियान चलाया था। इन सभी ने मामले में हस्तक्षेप करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का आभार व्यक्त किया।

डीयूटीए की अध्यक्ष नंदिता नारायण ने एक बयान में कहा कि डीयूटीए ने शिक्षकों, छात्रों और दिल्ली विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का ऐतिहासिक और एकीकृत संघर्ष के लिए आभार व्यक्त किया जिसकी वजह से कुलपति दिनेश सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय के आदेश का और संसद के यूजीसी कानून का पालन करने के लिए सहमत होना पड़ा।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय समुदाय ‘गैर अकादमिक और गैर कानूनी’ एफवाईयूपी के खिलाफ एक साल से अधिक समय से लड़ाई लड़ रहा था। नंदिता ने कहा कि हमें उम्मीद है कि कालेजों को उनकी वेबसाइटों पर पाठ्यक्रमों का सीटों सहित प्रकाशन करने के लिए तत्काल दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। नंदिता ने कहा कि इमर्जेन्सी स्टाफ काउंसिल की बैठकें यथाशीघ्र बुलानी चाहिए और पूर्व के अनुभव के आधार पर, नए आवेदन आमंत्रित किए बिना कटऑफ की घोषणा की जानी चाहिए। एबीवीपी और एनएसयूआई सहित कई छात्र निकायों ने भी एफवाईयूपी वापस लिए जाने का जश्न मनाया।

एबीवीपी के राष्ट्रीय सचिव रोहित चहल ने कहा कि यह छात्रों की जीत है। हम यूजीसी का भी आभार व्यक्त करते हैं जिसने कुलपति को एफवाईयूपी वापस लेने के लिए बाध्य करने में सक्रिय भूमिका निभाई। हम चाहते हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के तहत तत्काल प्रवेश प्रक्रिया शुरू करे। एनएसयूआई ने अपने सदस्यों और छात्रों को एफवाईयूपी के खिलाफ लड़ाई में जीत के लिए बधाई दी। एनएसयूआई के प्रवक्ता अमरीश पांडेय ने कहा कि हमें उम्मीद है कि विश्वविद्यालय अब प्रवेश की बहुप्रतीक्षित प्रक्रिया शुरू करेगा। डीयू ने आज अपना एफवाईयूपी वापस ले लिया और यूजीसी के आदेशानुसार, पुराना तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम फिर शुरू कर दिया।

इससे पहले, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने दिल्ली विश्वविद्यालय को एक बार फिर पत्र भेजकर चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) को वापस लेने को तथा स्नातक के लिए प्रवेश प्रक्रिया तत्काल शुरू करने को कहा और विश्वविद्यालय के सुझाये समझौता फॉर्मूला पर कानूनी राय भी मांगी। यह घटनाक्रम कुछ शिक्षाविदों द्वारा तैयार समझौता प्रस्ताव को लेकर यूजीसी और डीयू के बीच दिनभर चली गहन बातचीत के बाद आया। यूजीसी ने सभी प्रस्ताव स्वीकार कर लिए और केवल एक पर कुछ कानूनी मुद्दों के कारण कानून के जानकारों की राय मांगी।(एजेंसी इनपुट के साथ)

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