महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों काफी सरगर्म हो चली है। नारायण राणे ने गुरुवार को घोषणा किया कि वे पृथ्वीराज चव्हाण कैबिनेट में उद्योग मंत्री के पद को छोड़ देंगे।
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ज़ी मीडिया ब्यूरो
मुंबई : महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों काफी सरगर्म हो चली है। नारायण राणे ने गुरुवार को घोषणा किया कि वे पृथ्वीराज चव्हाण कैबिनेट में उद्योग मंत्री के पद को छोड़ देंगे। गौर हो कि कांग्रेस के मंत्री नारायण राणे इन दिनों अपनी ही पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं और उनके बीजेपी में शामिल होने की अफवाह तेज है।
नाराज चल रहे नारायण राणे ने गुरुवार को कहा कि वह सोमवार को पृथ्वराज मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देंगे लेकिन उन्होंने कांग्रेस में बने रहने का निर्णय लिया है। राणे से जब पूछा गया कि क्या आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे, उन्होंने कहा कि मैं सोमवार को अपनी भावी योजनाओं की घोषणा करूंगा। उन्होंने साफ किया कि वह कांग्रेस में ही बने हुए हैं और किसी अन्य दल में नहीं जा रहे। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा नेता नितिन गडकरी से नहीं मिला हूं। मैं पिछली बार उनसे तब मिला जब गोपीनाथ मुंडे गुजर गए। मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा पाले राणे यह पद नहीं दिए जाने से पार्टी से परेशान हैं और उन्होंने हमेशा ही दावा किया कि जब वह 2005 में शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में आए थे तब उनसे यह पद देने का वादा किया गया था। गौर हो कि राणे साल 2005 में शिवसेना को छोड़ने के बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। राणे ने बीते दिनों महाराष्ट्र कांग्रेस लीडरशिप के साथ टकराव मोल लेते हुए इसकी कार्यपद्धति की आलोचना की थी।
रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट से बेटे नीलेश के हारने के बाद राणे के लिए स्थिति काफी असहज हो गई थी। इस सीट पर शिवसेना ने कब्जा जमाया। राणे का ऐसा मानना है कि कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने उनके बेटे को हार सुनिश्चित करने के लिए साजिश की। गौर हो कि सूबे की 27 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस के खाते में महज दो सीटें आई। इस खराब प्रदर्शन के बाद राणे राज्य में कांग्रेस लीडरशिप से नाराज थे। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद राणे ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन चव्हाण ने उनके इस्तीफे को नकार दिया था।
हालांकि, राणे ने यह भी कहा कि वे कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। कुछ रिपोर्टों में पहले यह दावा किया गया था कि राणे बीजेपी के संपर्क में हैं। गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद कहा जाने लगा कि बीजेपी राज्य में एक मजबूत मराठा चेहरे की तलाश में है। इससे पहले, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने बीते दिनों राज्य के उद्योग मंत्री नारायण राणे के पार्टी से नाराज होने की खबरों से इनकार किया था। ठाकरे ने कहा था कि राणे नाराज नहीं हैं।