थाईलैंड: सरकार और प्रदर्शनकारियों में गतिरोध गहराया
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थाईलैंड: सरकार और प्रदर्शनकारियों में गतिरोध गहराया

थाईलैंड में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर अपना प्रदर्शन तेज करने का ऐलान किया और कहा कि वे संविधान अदालत से मध्यावधि चुनाव को अवैध ठहराने की मांग करेंगे।

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बैंकॉक : थाईलैंड में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर अपना प्रदर्शन तेज करने का ऐलान किया और कहा कि वे संविधान अदालत से मध्यावधि चुनाव को अवैध ठहराने की मांग करेंगे। माना जा रहा है कि विपक्ष के इस कदम से थाईलैंड में राजनीतिक संकट गहरा सकता है और सेना के दखल का रास्ता भी खुल सकता है। विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता अभिशित विजाजिवा ने आज कहा कि इस अवैध चुनाव को संविधान अदालत में चुनौती दी जाएगी क्योंकि इसमें संविधान और जनता की भावना नहीं झलकती है। इससे पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के उप नेता ओंग आर्ट क्लामपैबून ने कहा कि वे सबूत एकत्र कर रहे हैं और इनके आधार वे संविधान अदालत से मांग करेंगे कि बीते दो फरवरी को हुए चुनाव को अवैध करार दिया जाए।
थाईलैंड में कल भारी सुरक्षा के बीच मतदान हुआ। विपक्ष ने इस चुनाव का बहिष्कार कर रखा था। निर्वाचन आयोग ने अपुष्ट आंकड़े पेश करते हुए कहा है कि 45.8 फीसदी मतदान हुआ, हालांकि विपक्षी नेता सुतेप थाउगसुबान ने दावा किया कि राजधानी बैंकॉक में अब तक सबसे कम मतदान हुआ है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिफॉर्म कमिटी (पीडीआरसी) के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने आज बैंकॉक में मार्च किया और कहा कि वे और अधिक सरकारी इमारतों को बंद कराएंगे। कई स्थानों पर सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के मतदान को रोकने के बावजूद अधिकारियों ने कहा कि मतदान तुलनात्मक रूप से शांतिपूर्ण रहा है और 89.2 फीसदी मतदान केंद्रों पर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ।
थाई निर्वाचन आयोग के प्रमुख सुपचई फुचारोएन ने कहा कि 93,532 मतदान केंद्रों में से 83,813 पर मतदान संपन्न हुआ। मतदान संपन्न होने के बाद यिंगलक शिनावात्रा ने जीत का दावा किया, हालांकि इस मतदान को निर्थरक कहा जा रहा है क्योंकि विपक्ष और प्रदर्शनकारियों ने इस चुनाव का बहिष्कार कर रखा था। निर्वाचन आयोग के सदस्य आज बैठक कर चुनाव संबंधी समस्याओं का समाधान करने के उपायों पर चर्चा करेंगे।
आयोग के एक अधिकारी के अनुसार 4.87 करोड़ योग्य मतदाताओं में से करीब 1.2 करोड़ अथवा 25 फीसदी मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाए। इनमें से 20 लाख मतदाता 26 जनवरी को हुए अग्रिम मतदान और एक करोड़ कल के मतदान में हिस्सा नहीं ले सके। उधर, एक अधिकारी ने कहा कि कल जिन 10 हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान बाधित हुआ, उन पर 80 लाख से एक करोड़ के बीच मतदाता मतदान नहीं कर सके। सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने आज भी अपना विरोध जारी रखा। उन्होंने रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी जनरल निपहट थोंगलेक के कार्यालय को घेर लिया। वे मांग कर रहे थे कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री यिंगलक को इस इमारत को अपने अस्थायी कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। (एजेंसी)

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