ब्रिक्स सम्मेलन: दक्षिण अमेरिकी नेताओं से मिले मोदी, भारत के लिए रवाना
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ब्रिक्स सम्मेलन: दक्षिण अमेरिकी नेताओं से मिले मोदी, भारत के लिए रवाना

दक्षिण अमेरिकी राष्ट्रपतियों से देर रात मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वदेश के लिए रवाना हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तटीय शहर फोर्टलेजा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद अपनी तीन दिवसीय ब्राजील यात्रा पूरी कर आज स्वदेश रवाना हुए । आज ब्रासीलिया में ब्रिक्स नेताओं ने ब्राजील के राष्ट्रपति डिल्मा रौसेफ द्वारा आमंत्रित दक्षिण अमेरिकी नेताओं से मुलाकात की । मोदी देर रात दिल्ली पहुंचने से पहले थोड़ी देरे के लिए फ्रैंकफर्ट में रूकेंगे ।

ब्रिक्स सम्मेलन: दक्षिण अमेरिकी नेताओं से मिले मोदी, भारत के लिए रवाना

ब्रासीलिया: दक्षिण अमेरिकी राष्ट्रपतियों से देर रात मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वदेश के लिए रवाना हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तटीय शहर फोर्टलेजा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद अपनी तीन दिवसीय ब्राजील यात्रा पूरी कर आज स्वदेश रवाना हुए । आज ब्रासीलिया में ब्रिक्स नेताओं ने ब्राजील के राष्ट्रपति डिल्मा रौसेफ द्वारा आमंत्रित दक्षिण अमेरिकी नेताओं से मुलाकात की । मोदी देर रात दिल्ली पहुंचने से पहले थोड़ी देरे के लिए फ्रैंकफर्ट में रूकेंगे ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित ब्रिक्स देशों के नेताओं ने आज दक्षिण अमेरिकी राष्ट्रपतियों से मुलाकात की और उन्होंने पश्चिमी देशों के दबदबे वाली अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को नया रूप देने को लक्षित विकास बैंक की स्थापना के अपने कदम का समर्थन किया।

इस साल के ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी करने वाली ब्राजील की राष्ट्रपति दिल्मा राउसेफ ने अर्जेंटीना, वेनेजुएला, इक्वाडोर, कोलंबिया, अजेंटीना, पेरू, उरूग्वे, पराग्वे सहित दक्षिण अमेरिकी देशों के नेताओं को आमंत्रित किया था। उन्होंने पिछले साल के डरबन सम्मेलन के दौरान जैकब जुमा द्वारा अफ्रीकी नेताओं को आमंत्रित किए जाने की तर्ज पर ऐसा किया।

ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं ने दक्षिण अमेरिकी नेताओं से ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में मुलाकात की। गौरतलब है कि कल फोर्तालेजा में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में 100 अरब डॉलर की शुरूआती अधिकृत पूंजी के साथ नये विकास बैंक और एक आकस्मिक आरक्षित कोष की स्थापना का फैसला किया गया।

हालांकि, राउसेफ ने स्पष्ट कर दिया कि ब्रिक्स देश वाशिंगटन आधारित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से खुद को दूर नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘इसके उलट हमारी इच्छा है कि इसका लोकतंत्रीकरण किया जाए और इसे यथासंभव प्रतिनिधिक बनाया जाए।’ उनकी टिप्पणी जलपान पर मोदी के साथ प्रथम द्विपक्षीय बैठक के बाद आई है।  

फोर्तालेजा घोषणापत्र के मुताबिक बैंक का उद्देश्य ब्रिक्स और अन्य उभरते एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में बुनियादी ढांचा और सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाना है। ब्रिक्स बैंक साझा कोष से उन विकासशील देशों को धन उधार मिलेगा जो पूरी तरह से आईएमएफ या विश्व बैंक पर निर्भर हैं। इसके बाद इन कोषों का इस्तेमाल दीर्घकालिक परियोजनाओं या संक्षिप्त अवधि के संकट से उबरने में किया जाएगा।

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