अमेरिका ने अपने 300 और सैन्यकर्मियों को इराक भेजा
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अमेरिका ने अपने 300 और सैन्यकर्मियों को इराक भेजा

अमेरिका ने संकटग्रस्त इराक की राजधानी बगदाद में अपने दूतावास, सहयोगी प्रतिष्ठानों तथा बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुरक्षा बढ़ाने के मकसद से अपने 300 और सैनिकों को तैनात किया है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं से कहा, ‘बगदाद में सुरक्षा स्थिति को देखते हुए मैंने आदेश दिया कि 300 अमेरिकी सैन्य बलों को दूतावास, सहयोग प्रतिष्ठानों तथा बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात किया जाए।’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी नागरिकों और संपत्ति की रक्षा के लिए अतिरिक्त सैन्य बलों, रोटरी-विंग विमान तथा खुफिया, निगरानी इकाइयों के लोगों को तैनात किया जा रहा है।

अमेरिका ने अपने 300 और सैन्यकर्मियों को इराक भेजा

वाशिंगटन: अमेरिका ने संकटग्रस्त इराक की राजधानी बगदाद में अपने दूतावास, सहयोगी प्रतिष्ठानों तथा बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुरक्षा बढ़ाने के मकसद से अपने 300 और सैनिकों को तैनात किया है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं से कहा, ‘बगदाद में सुरक्षा स्थिति को देखते हुए मैंने आदेश दिया कि 300 अमेरिकी सैन्य बलों को दूतावास, सहयोग प्रतिष्ठानों तथा बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात किया जाए।’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी नागरिकों और संपत्ति की रक्षा के लिए अतिरिक्त सैन्य बलों, रोटरी-विंग विमान तथा खुफिया, निगरानी इकाइयों के लोगों को तैनात किया जा रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ये सुरक्षा बल तब तक इराक में रहेंगे जब तक इनकी जरूरत होगी। पेंटागन के प्रवक्ता रियर एडमिरल जॉन किर्बी ने कहा, ‘ये अतिरिक्त सुरक्षा बल रविवार और इराक में पहुंचे।’ किर्बी ने कहा कि जून के मध्य में रक्षा विभाग की ओर से की गई घोषणा के अनुसार 100 सैन्यकर्मी पहले से ही तैयार थे जो अब बगदाद की ओर बढ़ेंगे।
    
अमेरिकी विदेश विभाग ने चरमपंथियों की ओर से इराक एवं सीरिया के कुछ हिस्सों को मिलाकर ‘इस्लामी खिलाफत’ घोषित किए जाने को खारिज करते हुए कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, ‘इस घोषणा का इराक एवं सीरिया के लोगों के लिए कोई मतलब नहीं है। इसने सिर्फ इस संगठन के असली चेहरे और लोगों पर हुक्म चलाकर शासन करने की मंशा का खुलासा कर दिया है।’ जेन ने कहा कि चरमपंथी अपने लोगों के खिलाफ दमनकारी विचारधारा का इस्तेमाल कर रहे हैं तथा आतंकवाद की करतूत को अंजाम दे रहे हैं। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने कहा कि सबसे अच्छा रास्ता यही है कि इराक स्थिर रहे और आईएसआईएल की ओर से पैदा किए गए अस्थिरता के खतरे का मुकाबला किया जाए।

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