RBI Chief on Adani Group: अगर आपने भी शेयर बाजार में निवेश किया है और अडानी ग्रुप पर आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर चिंतित हैं तो आरबीआई गवर्नर के बयान के बाद आपकी टेंशन जरूर कम हो जाएगी.
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Adani Group News: आरबीआई की तरफ से बुधवार को रेपो रेट बढ़ाने के साथ ही आने वाले समय में महंगाई के और नीचे आने की संभावना जताई गई. दूसरी तरफ अडानी ग्रुप के कुछ शेयर में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी देखी जा रही है. इससे निवेशक भी उत्साहित दिखाई दे रहे हैं. इससे पहले एसबीआई (SBI), एक्सिस बैंक (Axis Bank) और अन्य बैंकों की तरफ से बयान जारी कर बताया गया कि अडानी ग्रुप को कितना लोन दिया गया है. अब अडानी ग्रुप मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश के बैंक इतने बड़े और मजबूत हैं कि उनपर ऐसे मामलों का असर नहीं पड़ेगा.
लोन को लेकर विभिन्न तबकों ने चिंता जतायी
अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के मद्देनजर अडानी ग्रुप की कंपनियों को बैंकों की तरफ से दिये गए लोन को लेकर विभिन्न तबकों में चिंता जतायी जा रही है. रिपोर्ट के बाद ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हालांकि ग्रुप के शेयर में पिछले दो दिन से तेजी देखी जा रही है. अडानी ग्रुप से जुड़े एक सवाल के जवाब में दास ने कहा कि आरबीआई (RBI) ने स्वयं से अपना आकलन किया और शुक्रवार को बयान जारी किया. बयान में कहा गया है कि देश के बैंक मजबूत हैं.
बाजार पूंजीकरण से कोई लेना-देना नहीं
उन्होंने अडानी ग्रुप का जिक्र किये बिना कहा, ‘आज के समय में भारतीय बैंकों का आकार, उनकी क्षमता काफी मजबूत है. उनकी क्षमता ऐसी है कि वे इस प्रकार के मामलों से प्रभावित होने वाले नहीं हैं.’ उनसे यह पूछा गया था कि क्या मौजूदा स्थिति में आरबीआई घरेलू बैंकों को अडानी समूह की कंपनियों को दिये गये कर्ज को लेकर कोई दिशानिर्देश जारी करेगा. मौद्रिक नीति समिति की घोषणा के बाद दास ने कहा कि बैंक कर्ज देते समय, संबंधित कंपनी की बुनियाद और संबंधित परियोजनाओं के लिये नकद प्रवाह की स्थिति पर गौर करते हैं. दास ने यह भी साफ किया कि कर्ज के मामले में कंपनियों के बाजार पूंजीकरण से कोई लेना-देना नहीं होता है.
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम के जैन ने कहा कि घरेलू बैंकों का अडानी समूह को दिया गया कर्ज कोई बहुत ज्यादा नहीं है. शेयरों के बदले जो कर्ज दिया गया है, वह बहुत कम है. दास ने कहा कि गुजरते समय के साथ बैंकों की मूल्यांकन प्रणाली काफी सुधरी है. आरबीआई ने पिछले तीन-चार साल में बैंकों को मजबूत बनाने के लिये कई कदम उठाये हैं. संचालन, ऑडिट समितियों और जोखिम प्रबंधन समितियों को लेकर समय-समय पर दिशानिर्देश जारी किये गये हैं. बैंकों के लिये मुख्य जोखिम अधिकारियों और मुख्य अनुपालन अधिकारियों की नियुक्ति को अनिवार्य किया गया है. (Input : PTI)
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