Business Idea: मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को कई तरह की सुविधाएं देती हैं. आप जिस राज्य में यह कारोबार शुरू करना चाहते हैं, वहां मत्स्य संबंधित कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.
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Business Of Fisheries: हमारे देश में पहले से ही मछली पालन (Fisheries) कई लोगों की आय का एक अहम जरिया रहा है. आजकल किसान खेती (Farming) के साथ-साथ मुर्गी पालन, बकरी पालन और मछली पालन का व्यवसाय करते हैं, ताकि कुछ अतिरिक्त कमाई की जा सके. अगर आप भी एक्स्ट्रा इनकम चाहते है तो फिशरीज बिजनेस कर सकते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप मछली पालन का कारोबार शुरू कर सकते हैं.
मछली पालन का कारोबार दो तरीके से किया जाता है. पहली है बायोफ्लॉक टेकनीक, जिसमें गोल-गोल टैंक बनाकर इसमें मछलियां पालना होता है. वहीं, दूसरा है तालाब बनाकर मछली पालन करना. बता दें कि अगर आप इस बिजनेस को करना चाहते हैं सरकार इसमें आपकी हेल्प करेगी और आपको इसके लिए सब्सिडी (Subsidy) दी जाएगी.
जानें कितनी मिलेगी सब्सिडी
सरकार की ओर से मछली पालन के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति और बेहतर हो सके. इसके लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है. यह सब्सिडी अलग-अलग राज्यों में 50 से 70 फीसदी तक हो सकती है. इसकी जानकारी आपको अपने इलाके के सेक्रेटरी या ग्राम प्रधान से आसानी से मिल सकती है.
कैसे कर सकते हैं मछली पालन?
मछली पालन के लिए सबसे पहले एक तालाब बनवाना होगा. इस बात का खास ध्यान रखे कि जिस जमीन पर तालाब बनवाने जा रहे हैं, उसके वहां पानी की भरपूर आपूर्ति होनी जरूरी है. क्योंकि हर थोड़े दिनों में तालाब का पानी बदलना पड़ता है. तालाब तैयार होते ही उसमें पानी भरना होगा.
इसके बाद मछली के बच्चे लाकर डाल दें. इन्हें आप हैचरी या इसका बिजनेस करने वाल लोगों से खरीद सकते हैं. मछली को समय से दाना खिलाते रहें. कुछ महीनों बाद आप ढेर सारी मछलियां हासिल कर सकेंगे.
बायोफ्लॉक टेकनीक
इस तकनीक के जरिए मछली पालन में काफी मदद मिल रही है. इसमें करीब 10-15 हजार लीटर के टैंकों में मछलियों को डाला जाता है. टैंकों में पानी डालने, निकालने, ऑक्सीजन देने आदि की व्यवस्था होती है. बायोफ्लॉक बैक्टीरिया मछली के मल को प्रोटीन में बदल देता है, जिसे मछलियां वापस खा लेती हैं, इससे एक तिहाई फीड की बचत होती है. पानी भी गंदगी होने से बची रहती है. हालांकि, यह थोड़ा खर्चीला जरूर है, लेकिन बाद में मुनाफा भी खूब देता है.
मछली पालन में आएगी इतनी लागत
इस कारोबार में लगने वाली लागत इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस किस्म की मछली पालते चाहते हैं. हर जगह पर अनुकूल वातावरण के अनुसार अलग-अलग वैरायटी की मछलियां पाली जाती हैं. मान लीजिए कि 25x25 मीटर की जगह में तालाब बनवाते हैं तो पहली हार्वेस्टिंग तक आपको तकरीबन 50 हजार रुपये तक की लागत आएगी. वहीं, नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड के अनुसार अगर आप 7 टैंक से अपना कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो इसमें लगभग 7.5 लाख रुपये का खर्च आएगा.
तगड़ा होगा मुनाफा
आप 25x25 मीटर की जगह में बनवाए गए तालाब में Grass Carp वैरायटी की 2.5 हजार मछलियां पाल सकते हैं. इनका सही तरीके से पालन होने पर 6-7 महीनों में ही एक-एक मछली का वजन 1 किलो से ज्यादा हो जाता है. इस दौरान अगर 250- 300 मछलियां मर भी जाए, तब भी आपको 2200 मछलियां मिलेगी. मछलियों की ग्रोथ 1 किलो से ज्यादा होने दें, इससे आपको मार्केट में इसके रेट अच्छे मिलेंगे.
इस तरह आपको लगभग 2.5 हजार किलो मछलियां मिल जाएंगी. मछली आराम से 130-140 रुपये किलो तक बिक जाएंगी. इस तरह मछली के दाने, बच्चे, चारे, मेंटेनेंस, रख-रखाव आदि समब मिलाकर आपके 1 लाख रुपये लगेंगे. इतनी कम लागत में आप 3.25 से 3.50 लाख रुपये कमा सकते हैं. इस तरह आप 6-7 महीने में ही 2.50 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा लेंगे.