नई दिल्ली: मोदी सरकार के पहली बार सत्ता में आने के बाद से इस स्कीम को खूब प्रचारित-प्रसारित किया गया. गांव-देहात और दूर-दराज के इलाकों में भी ब्लॉक के अधिकारी और कर्मचारियों के जरिए आधार कार्ड बनवाए गए. आधार कार्ड को भारत सरकार ने वोटर आईडी कार्ड के साथ-साथ एक पहचान पत्र की मान्यता दे दी है.
12 अंकों का पहचान पत्र मिला सवा करोड़ देशवासियों को
Ministry of Electronics and Information Technology: Unique Identification Authority of India (UIDAI) announced a new milestone achieved by the Aadhaar project – crossing of the 125 crore mark. This means that over 1.25 billion residents of India have the 12-digit unique identity. pic.twitter.com/fC6yVOGkJJ
— ANI (@ANI) December 27, 2019
शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय ने आधिकारिक सूचना जारी की जिसमें यह कहा कि भारत सरकार के आधार प्रोजेक्ट ने एक नया आयाम छू लिया है. UIDAI के मुताबिक भारत में आधार धारकों की संख्या 125 करोड़ का मार्क पार कर चुकी है. मंत्रालय ने कहा कि इसका मतलब है कि 1.25 बिलियन भारतीय नागरिकों को 12 अंकों वाला एक यूनिक पहचान पत्र मिल गया है.
मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है आधार प्रणाली
मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक आधार प्रणाली का भारत में व्यापक स्तर प्रसार हो चुका है. मालूम हो कि आधार कार्ड आने के बाद से ही कई सरकारी योजनाओं का लाभ और वितरण आधार के लिहाज से किया जाने लगा है. आधार से लिंक कराने के बाद व्यक्ति की पहचान हो जाती है और सरकारी सब्सिडी किस-किस तक कितनी पहुंची, इसका डाटा भी भारत सरकार के पास पहुंच जाता है.
सुप्रीम कोर्ट से आधार को मिल चुका है क्लीन चिट
आधार प्रणाली की शिकायत भी की जा रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद इसपर किसी भी प्रकार के लांछन लगाने वाले कोर्ट की अवमानना के दायरे में आ सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में आधार कार्ड को क्लीन चिट दे दी थी. इसके बाद से इसका प्रसार पूरे भारत तक फैलाया जा रहा है.