नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत और दोबारा देश का प्रधानमंत्री बनकर पीएम मोदी ने राजनीतिक विरोधियों को धराशायी कर दिया. नरेंद्र मोदी एक ऐसी गैर-कांग्रेसी सरकार के प्रधानमंत्री बने जो लगातार दो बार बहुमत के साथ सत्ता में आई. राफेल, नोटबंदी समेत कई ऐसे मुद्दों को पछाड़ नरेंद्र मोदी ने कुछ ऐसा माहौल बनाया कि पूरे चुनाव का मुद्दा ही बदल गया और माहौल मोदी बनाम विपक्ष की तरह बन गया. जिसमें नरेंद्र मोदी की महाजीत हुई.
नीचे लिखे कुछ पंक्तियों को पढ़िये- ये लाइनें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खूब बैठती हैं.
ऊंचे ख्वाबों के लिए
दिल की गहराइयों से काम करना पड़ता है!
यूं ही नहीं मिलती कामयाबी किसी को
मेहनत की आग में दिन रात जलना पड़ता है !
पीएम मोदी के लिए वरदान वाला साल!
किसी ने सोचा नहीं था कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी का ये नारा नया इतिहास लिखने वाला है. वक्त बदला, सियासत बदली, सरोकार बदलें, सोच बदली. लेकिन अगर नहीं बदला तो मोदी पर देश के लोगों का भरोसा. तभी इस साल हुए लोकसभा चुनाव में देश की जनता ने प्रचंड बहुमत से एक बार फिर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठा दिया. सही मायनों में ये साल देश के प्रधानसेवक के लिए वरदान साबित हुआ.
मोदी मैजिक में महागठबंधन फेल
2014 में सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे कई बड़े फैसले लिए थे. जिसके आधार पर विपक्ष उम्मीद लगाए बैठा था कि इस बार लालकिले पर वो तिरंगा फहराएंगे. लेकिन जनादेश ने महागठंबधन को ठुकरा दिया. मोदी के विजयरथ को रोकने के लिए पहली बार बुआ-भतीजा साथ आए. लेकिन लोगों ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन को नकार दिया. भाजपा ने अकेले दम पर 300 का आंकड़ा पार किया.
बंगाल में खिला कमल
2014 में जब पूरे देश में मोदी लहर चली तो कुछ एक ही राज्य थे जहां पर इसका असर नहीं दिखाई दिया. इनमें बंगाल भी शामिल था लेकिन 2019 में यह तस्वीर पूरी तरह से बदल गई. क्योंकि बंगाल इस बार पूरी तरह भगवामय हो गया था. बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की जबकि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई.
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कहते हैं वक्त हर किसी की परीक्षा लेता है. हर इरादे की मजबूती को जांचता है और फिर वक्त का दरिया वही पार कर पाता है जो संयमित, संकल्पित और सशक्त हो. ये तीन शब्दों से मिलकर ही तो मोदी बने हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत को अगर जादू समझें तो मोदी जादूगर हैं. अगर इसे किस्मत समझें तो मोदी किस्मत के धनी हैं. और अगर इसे जनता का विश्वास समझें तो मोदी खरा सोना हैं.