दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि देने के लिये चंदौली में होगी योगी कैबिनेट की बैठक

भाजपा अपनी पार्टी के विचार पुरुष और एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करने के लिये चंदौली में कैबिनेट की बैठक करेगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 2, 2020, 04:28 AM IST
    • चंदौली में बन रहा है दीनदयाल स्मृति उपवन
    • संगम तट पर हो चुकी है कैबिनेट बैठक
    • राममंदिर निर्माण पर चर्चा संभव
दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि देने के लिये चंदौली में होगी योगी कैबिनेट की बैठक

लखनऊ: आस्था के केंद्र प्रयागराज कुंभ में कैबिनेट की बैठक करने वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब इसी तरह एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के प्रति श्रद्धा का संदेश देने जा रही है. सरकार जल्द ही कैबिनेट की एक बैठक चंदौली स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन में करेगी. योगी सरकार ने इससे पहले कुंभ मेले से ये परंपरा शुरू की है. बता दें कि भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे प्रेरणा पुरुष पंडित दीनदयाल उपाध्याय का शव 1968 में रहस्यमय परिस्थितियों में मुगलसराय रेलवे स्टेशन के यार्ड में मिला था.

चंदौली में बन रहा है दीनदयाल स्मृति उपवन

चंदौली में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन भी बनवाया है. सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उपाध्याय को श्रद्धांजलि देने और उनके प्रति श्रद्धा का संदेश देने के लिए ही कैबिनेट की एक बैठक चंदौली में करने का निर्णय किया गया है. पहले चर्चा थी कि तीन मार्च को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक वहां हो सकती है लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार तीन मार्च के बजाय आगे कोई बैठक चंदौली में की जाएगी.

संगम तट पर हो चुकी है कैबिनेट बैठक

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष प्रयागराज कुंभ में योगी कैबिनेट की ऐतिहासिक बैठक संगम तट पर हुई थी. उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार लखनऊ के बाहर कैबिनेट की बैठक हुई थी. मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और कैबिनेट के कई मंत्री शामिल हुए थे. प्रयागराज में संगम तट पर हुई उस कैबिनेट बैठक में आस्था और राष्ट्रवाद का भी संगम हुआ था.
 
राममंदिर निर्माण पर चर्चा संभव

शिव की नगरी काशी का कभी हिस्सा रहे चंदौली में आयोजित होने वाली बैठक में अयोध्या में राममंदिर निर्माण को लेकर भी अहम चर्चा हो सकती है. भाजपा अवध प्रांत में अयोध्या, लखनऊ समेत 14 जिले हैं तो कानपुर प्रांत में कानपुर, झांसी, चित्रकूट से लेकर 15 जिले हैं. अवध व कानपुर क्षेत्र में पर्यटन के विकास के साथ ही नागरिकता कानून पर हुई हिंसा के संबन्ध में भी योगी सरकार कोई बड़ा निर्णय कर सकती है.

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