जंग से ज्यादा शांतिकाल में जान गंवा रहे जवान, हैरान कर देंगी सैनिकों की ऐसी मौतें, जानिए वजह

भारत में जंग से ज्यादा सैनिक शांतिकाल में जान गंवा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट में सैनिकों की अप्राकृतिक मौतों के आंकड़े देते हुए यह दावा किया गया है. 2022 में रक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि तीनों सेनाओं में पिछले पांच वर्षों में 819 आत्महत्याएं रिपोर्ट हुई हैं. इनमें 642 आत्महत्याएं आर्मी, 148 एयर फोर्स और 29 नेवी में हुई हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 7, 2025, 05:59 PM IST
  • CAPF में आत्महत्याओं की दर ज्यादा
  • जानें तनाव का प्रमुख कारण क्या है?
जंग से ज्यादा शांतिकाल में जान गंवा रहे जवान, हैरान कर देंगी सैनिकों की ऐसी मौतें, जानिए वजह

नई दिल्लीः भारत में जंग से ज्यादा सैनिक शांतिकाल में जान गंवा रहे हैं. यूरेशियन टाइम की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. रिपोर्ट में सैनिकों की अप्राकृतिक मौतों के आंकड़े दिए गए हैं. 2022 में रक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि तीनों सेनाओं में पिछले पांच वर्षों में 819 आत्महत्याएं रिपोर्ट हुई हैं. इनमें 642 आत्महत्याएं आर्मी, 148 एयर फोर्स और 29 नेवी में हुई हैं.

CAPF में आत्महत्याओं की दर ज्यादा

वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अगस्त 2023 में संसद में साल 2011 से पैरामिलिट्री फोर्सेज में आत्महत्याओं का डेटा पेश किया गया था. इसके मुताबिक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के 1,532 कर्मियों की आत्महत्या से मृत्यु हुई. सामूहिक रूप से लगभग 9 लाख कर्मियों वाले इन बलों को अनोखी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिनका अक्सर समाधान नहीं किया जाता है.

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), असम राइफल्स (AR), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) आते हैं. वहीं अर्धसैनिक बलों के जवानों में आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले CRPF में सामने आए हैं.

तनाव का प्रमुख कारण क्या है?

डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोलॉजिकल रिसर्च (DIPR) के अध्ययनों ने सशस्त्र बलों के कर्मियों के बीच आत्मघाती व्यवहार में योगदान देने वाले प्रमुख तनाव कारक के रूप में देरी या अस्वीकृत छुट्टी की पहचान की है. साल 2021 में आत्महत्या और भाईचारे की घटनाओं की जांच करने और एक व्यापक रिपोर्ट विकसित करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा वी.एस.के. कौमुदी की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स की स्थापना की गई थी.

टास्क फोर्स ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के भीतर आत्महत्या और भाईचारे के मामलों पर ध्यान केंद्रित किया और अपने मसौदा निष्कर्ष गृह मंत्रालय को सौंपे. टास्क फोर्स ने आत्महत्या और फ्रेटिसाइड में योगदान देने वाले तीन प्राथमिक कारकों की पहचान की. इनमें सेवा की स्थिति, काम करने की स्थिति और व्यक्तिगत या व्यक्तिगत मुद्दे शामिल हैं. सेवा शर्तों के तहत इसकी एक वजह समय पर छुट्टी की कमी होने का भी संकेत मिला.

(Disclaimer: अगर आपके या आपके किसी जान-पहचान वाले के मन में खुदकुशी की बात आती है तो आपको तुरंत अलर्ट हो जाना चाहिए. ये मेडिकल इमरजेंसी है. आपकी एक छोटी सी कोशिश से एक जान बच सकती है. आप भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर कांटैक्ट करें.)

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