रामपुर का खजानाः क्या 7 मार्च को खुल पाएगा नवाब का स्ट्रान्ग रूम

रामपुर की रियासत और उसके आखिरी नवाब रहे रजा अली खान की सारी मिल्कीयत और उनके खजाने का बंटवारा हो रहा है. लेकिन लॉकरनुमा एक बड़ा कमरा जिसकी चाबी गुम हो चुकी है और इसकी मजबूती इस बंटवारे की राह में रोड़ा बन रही है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 4, 2020, 12:49 PM IST
    • प्रशासन कड़ी मशक्कत के बाद भी 200 साल पुराने 6 टन वजनी दो लॉक वाले स्ट्रांग रूम में एक नोटबुक के बराबर छेद ही करवा पाया है
    • स्ट्रॉन्ग रूम लंदन की मशहूर कंपनी चब ने तैयार किया था, इस पर बम धमाके भी बेअसर, ऐसा है दावा
रामपुर का खजानाः  क्या 7 मार्च को खुल पाएगा नवाब का स्ट्रान्ग रूम

रामपुरः  उत्तर प्रदेश का रामपुर यहां के नवाब के खजाने के कारण मशहूर हो रहा है. यहां की संपत्ति का बंटवारा हो रहा है. ऐसे में जमीनों-हवेलियों और अन्य बेशकीमती संपत्तियों का तो बंटवारा आसानी से हो जाएगा, लेकिन सबसे मुश्किल है उन हीरे-जवाहरतों, सोने-चांदी का बंटवारा जो कोठी खासबाग में बने स्ट्रॉन्ग रूम में रखे हैं.

यह लॉकरनुमा एक बड़ा कमरा है जिसकी चाबी गुम हो चुकी है और इसकी मजबूती इस बंटवारे की राह में रोड़ा बन रही है. कोर्ट की ओर से नियुक्‍त दो कमिश्‍नर रामपुर के नवाब की संपत्ति का मूल्‍यांकन कर रहे हैं.

16 भागों में बंटनी है संपत्ति
रामपुर की रियासत और उसके आखिरी नवाब रहे रजा अली खान की सारी मिल्कीयत और उनके खजाने का बंटवारा हो रहा है. नवाब खानदान का यह खजाना अरबों में है और इसे 16 भागों में बांटा जाना है. उत्‍तर प्रदेश के रामपुर के नवाब खानदान में संपत्ति के बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था.

सुप्रीम कोर्ट ने अक्‍टूबर, 2019 में रामपुर के आखिरी नवाब रजा अली खां की संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ और शिया पर्सनल लॉ के हिसाब से सभी वारिसों में करने का आदेश दिया. 

... तो 16 हिस्सों में बंटने जा रहा है रामपुर के नवाब का अरबों का खजाना

कई बार हो चुकी है खोलने की कोशिश
जबसे बंटवारा होना तय हुआ है इस लॉकर को ही खोलना सबसे बड़ी मुसीबत माना जा रहा था. हुआ भी ऐसा ही. दिसंबर से लेकर फरवरी तक अब तक यह लॉकर खोलने की कोशिश कई बार की जा चुकी है. हर बार इसमें नाकामी ही हाथ लगी है. लॉकर इतना मजबूत है कि तीसरी कोशिश करने पर इसमें महज एक छेद ही हो सका था.

जिससे कोई सफलता नहीं मिल सकती थी. कुछ और कोशिश के बाद इसके काटने-तोड़ने से कुछ दिन के लिए तौबा कर ली गई. अब नए आदेशानुसार 7 मार्च को फिर से स्‍ट्रॉन्‍ग रूम खोलने की कोशिश की जाएगी. 

कोहिनूर जैसे बड़े हीरे, जड़ाऊ चाकू और अकूत सिक्कों का अनुमान
इस स्‍ट्रॉन्‍ग रूम की चाभी नवाब रजा अली खां के बड़े बेटे मुर्तजा अली खां के पास थी. ये चाभी उनसे खो चुकी है. इसके बाद इसे काटने के लिए गैस कटर मंगाया गया. जब काफी मशक्कत के बाद भी स्ट्रांग रूम नहीं खुला तो मुरादाबाद से वेल्डर बुलाए गए. अब 7 मार्च को फिर इसे खोलने की कोशिश की जाएगी.

संपत्ति के वारिसों में एक काज़िम अली खां उर्फ नवेद मियां को उम्‍मीद है कि इस बार स्‍ट्रॉन्‍ग रूम खुलेगा और खजाने का राज भी खुल जाएगा. अनुमान है कि इसमें चांदी और सोने सिक्‍कों के अलावा कोहिनूर जैसे हीरे, सोने जड़े रामपुर के चाकू, तलवार और ताज रखे हुए हैं.

चब कंपनी ने बनाया था इतना मजबूत लॉकर
प्रशासन कड़ी मशक्कत के बाद भी 200 साल पुराने 6 टन वजनी दो लॉक वाले स्ट्रांग रूम में एक नोटबुक के बराबर छेद ही करवा पाया है. स्ट्रॉन्ग रूम लंदन की मशहूर कंपनी चब ने तैयार किया था. कंपनी का दावा था कि बम धमाके से भी इस लॉकर का कुछ नहीं बिगड़ेगा.

स्ट्रांग रूम की दीवार लोहे की बनी हुई है. चब के मुरीदों में किंग जॉर्ज चतुर्थ भी थे. इंग्‍लैंड के पोट्रस-माउथ डॉकयार्ड में 1817 में चोरी हुई थी. इसके बाद ब्रिटिश गवर्नमेंट ने ताला बनाने की प्रतियोगिता का आयोजन किया. 

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प्रतियोगिता जीतने के बाद बनाई अपनी कंपनी
इसमें जहाजों पर काम करने वाले दो भाइयों जेरेमिया चब और चार्ल्‍स चब ने 4 लीवर वाला डिटेक्‍टर ताला बनाया. वे प्रतियोगिता जीत गए और उन्‍होंने इसका पेटेंट करा लिया. दोनों भाइयों ने 1820 में अपनी कंपनी चब शुरू की. इसके बाद 1823 में किंग जॉर्ज चतुर्थ ने उन्‍हें सम्‍मानित किया. 17 देशों में फैली चब को 1997 में विलियम होल्डिंग्‍स लिमिटेड कंपनी ने खरीद लिया.

 

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