नई दिल्लीः हिंदुस्तान की सियासत का रुख-रंग कुछ ऐसा रहा कि आजादी का वक्त आते-आते उस समय तक बचे हुए राजाओं और नवाबों को शासन संबंधी कुछ खास काम नहीं रहा. लिहाजा जो राजा रहे भी तो वे केवल नाम के राजा रहे. यही सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में अहम तौर पर कहा. इसके बावजूद रामपुर की सियासत अपनी थोड़ी अलग पहचान रखती है.
दरअसल आखिरी नवाब रहे रजा अली खां की पहचान उस समय के सहिष्णु और प्रगतिशील शासक के तौर पर है. हो सकता है कि इतिहास के पास ऐसा कहने की कई वजहें हों, लेकिन एक वजह यह है कि उन्होंने अपनी सियासत में कई हिंदुओं को शामिल किया था. वक्त-वक्त पर सलाह मशविरा किया करते थे.
शरियत कानून के अनुसार बंटवारा
वक्त बदला और इसी के साथ जमाने को बदलते भी देर नहीं लगी. नवाबियत की शानो-शौकत पुरानी बात हो गई, रह गई तो केवल यादें और अकूत संपत्ति. आज यही अकूत संपत्ति करीब 47 साल चले मुकदमे के बाद 16 दावेदारों में बंटने वाली है. रजा अली खां की मौत 1966 में हो गई तो उन्हें अपने पिता की तरह इराक के कर्बला में दफनाया गया था.
उसके बाद उनकी संपत्ति के हकदार उनके बड़े बेटे मुर्तजा अली खान बने. इस पर संपत्ति को लेकर मामला बढ़ गया कि यह गद्दी अधिकारों के तहत बटेगी या शरियत कानून के मुताबिक. हालांकि इसका शरियत के लिहाज से बंटना तय हुआ है.
...तो इस लिहाज से इन लोगों को मिलेगा हिस्सा
नवाब खानदान के पास 1073 एकड़ जमीन भी है. नवाब रजा अली खां के तीन बेटे और पांच बेटियां थीं. तीनों बेटों की मौत हो चुकी हैं. संपत्ति के हकदार नवाब के सबसे बड़े बेटे नवाब मुर्तजा अली के बेटे मुराद मियां और बेटी निकहत आबदी भी हिस्सेदार हैं. दूसरे बेटे जुल्फिकार अली खां की पत्नी और पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, बेटे पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां, बेटी समन और सबा शामिल हैं.
तीसरे बेटे आबिद अली खान की पत्नी गिसेला लेस्चबोर और उनके दो बेटे भी इसके हिस्सेदार हैं. नवाब की पांच बेटियां भी इस संपत्ति में हिस्सेदार हैं. जिनमें एक की मौत के बाद उनके दो बेटों को संपत्ति की हिस्सेदारी मिलेगी.
इतनी है संपत्ति की नजर में न समाए
मोटी-मोटा यह जान लीजिए, नवाब की छोड़ी गई संपत्ति अरबों में है. नवाब के पास हथियारों, हीरे-जवाहरात के अलावा इंपोर्टेड कारों का काफिला भी था. कई बेशकीमती कारें उनकी शान बढ़ाती थीं, लेकिन कोर्ट को मिली सूची के अनुसार इनकी संख्या 16 बताई गई. बताया जाता है कि जब नवाब इन कारों से चलते थे तो शहर में पानी से छिड़काव किया जाता था.
सर्वे के दौरान बेशकीमती हथियार सामने आए हैं जिनकी संख्या एक हजार बताई जा रही है. इसके अलावा जानकारी मिली है कि कोठी के स्ट्रॉन्गरूम में एक जमाने में 60 किलो सोना, हीरे के ताज, सोने-चांदी के बर्तन, सोने के अलम और कई बेशकीमती धरोहरें होने का दावा है जिनका अभी सर्वे होना बाकी है. और क्या है खास, पढ़िए आगे...
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