कांग्रेस वास्तविकता स्वीकार नहीं कर पा रही, दुखी मन से छोड़ी कांग्रेस: सिंधिया

भाजपा में शामिल होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस वास्तविकता स्वीकार नहीं कर पा रही है. मुझे बड़े व्यथित मन से कांग्रेस छोड़नी पड़ रही है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 12, 2020, 03:50 PM IST
    • मेरे जीवन में दो तारीख काफी अहम: सिंधिया
    • पीएम मोदी और अमित शाह का किया शुक्रिया
    • ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को जमकर लताड़ लगाई
कांग्रेस वास्तविकता स्वीकार नहीं कर पा रही, दुखी मन से छोड़ी कांग्रेस: सिंधिया

दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का भाजपा में पूरे जोश और उत्साह के साथ स्वागत किया. भाजपा मुख्यालय में सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. भाजपा में शामिल होने के मौके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को जमकर लताड़ लगाई.

उन्होंने कहा कि मैं बहुत व्यथित मन से कांग्रेस छोड़ रहा हूं. कांग्रेस आज वास्तविकता स्वीकार नहीं कर पा रही है. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार लगातार भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त रही है और राज्य में खनन माफियाओं का बोलबाला है.

पीएम मोदी और अमित शाह का किया शुक्रिया 

 

भाजपा में शामिल होते समय ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कई बार पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी, शाह और नड्डा जी ने भाजपा परिवार में शामिल करके मुझे देश सेवा का अवसर दिया है. पिछले लंबे समय से कांग्रेस की विचारधारा में ऐसा मोड़ आया है जो देश के लिये ठीक नहीं है. 

मेरे जीवन में दो तारीख काफी अहम: सिंधिया

 

सिंधिया ने कहा कि मेरे जीवन में दो तारीख काफी अहम रही हैं, इनमें पहला 30 सितंबर 2001 जिस दिन मैंने अपने पिता को खोया, वो जिंदगी बदलने वाला दिन है. और दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 को जहां जीवन में एक बड़ा निर्णय मैंने लिया है.

जो कांग्रेस पार्टी पहले थी वो आज नहीं रही, उसके तीन मुख्य बिंदु हैं. पहला कि वास्तविकता से इनकार करना, नई विचारधारा और नेतृत्व को मान्यता नहीं मिलना. 2018 में जब MP में सरकार बनी तो एक सपना था, लेकिन वो बिखर चुका है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने वादे पूरे नहीं किए हैं. 

सिंधिया समर्थक विधायक बन सकते हैं मध्य प्रदेश में मंत्री

मध्य प्रदेश में बहुमत के लिए अब 104 विधायकों की जरूरत है. क्योंकि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा की सदस्य संख्या 230 से घटकर 206 ही रह गई है. आपको बता दें कि 2 विधायकों की सीटें उनके देहांत के बाद खाली हैं जहां उपचुनाव होने हैं.

सूत्र बता रहे हैं कि इस्तीफा देने वाले सिंधिया समर्थक विधायकों में से 5 से 7 को मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मंत्री पद दिया जा सकता है. शिवराज सिंह चौहान की एक बार फिर से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी हो सकती है. 

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