दिल्ली: राहुल गांधी के सबसे करीबी साथियों में से एक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज कांग्रेस का हाथ झटक दिया और भाजपा का 'कमल' थाम लिया. उन्होंने भाजपा में शामिल होकर मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार बनने का रास्ता भी साफ कर दिया. बता दें कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का गिरना तय हो गया है क्योंकि उनकी पार्टी के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. राज्य में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनना लगभग तय है. अनुमान लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ कभी भी अपना इस्तीफा दे सकते हैं. हालांकि वे अब भी कार्यकर्ताओं को सांत्वना देने के लिये पूर्ण बहुमत होने की बातें कर रहे हैं.
जेपी नड्डा ने भाजपा में किया स्वागत
Delhi: #JyotiradityaMScindia joins BJP at party headquarters, in the presence of party president JP Nadda. pic.twitter.com/YiF3hMXJav
— ANI (@ANI) March 11, 2020
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिंधिया का भाजपा में पूरे जोश और उत्साह के साथ स्वागत किया. भाजपा मुख्यालय में सिंधिया ने भाजपा की सदस्यात ग्रहण की. जेपी नड्डा ने कहा कि सिंधिया जी की दादी विजयाराजे जी हमारी आदर्श हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया का भाजपा में आना राजमाता विजयाराजे जी के सिद्धांतों को मजबूत करेगा.
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने किया भावुक ट्वीट
18 साल तक कांग्रेस के साथ रहने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. इस बीच कांग्रेस की ओर से लगातार उनपर बयान दिए जा रहे हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडल की ओर से बुधवार दोपहर को एक कविता ट्वीट की गई. इस कविता में 'घर छोड़कर जाने वाले' साथियों के लिए संदेश दिया गया है. ट्वीट में लिखा है, 'घर छोड़कर मत जाओ, कहीं घर न मिलेगा'. इससे पहले अधीर रंजन और जीतू पटवारी ने सिंधिया को गद्दार कहा था.
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इस्तीफा देने के अलावा कमलनाथ के पास कोई विकल्प नहीं
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का गिरना तय हो गया है क्योंकि उनकी पार्टी के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. राज्य में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनेगी. अनुमान लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ कभी भी अपना इस्तीफा दे सकते हैं. विधायकों के इस्तीफा देने की संख्या लगातार बढ़ रही है. मनोज चौधरी ने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस अपने बचे खुचे विधायकों को बचाने में जुटी है. कांग्रेस ने शेष विधायकों को जयपुर भेजा है.
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