भोपाल: भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का भाजपा में पूरे जोश और उत्साह के साथ स्वागत किया. भाजपा मुख्यालय में सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. ज्योतिरादित्य सिंधिया के BJP में शामिल होते ही मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनका स्वागत किया.
उन्होंने कहा, 'मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी में स्वागत करता हूं, मुझे पूरी उम्मीद है कि पार्टी में उनके आने के बाद प्रदेश में पहले से मजबूत भारतीय जनता पार्टी को और मजबूती मिलेगी.'
शिवराज बोले- ज्योतिरादित्य उर्जावान नेता
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राजमाता विजय राजे सिंधिया का मार्गदर्शन हमें सदा मिलता रहा. आज उनके पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए हैं. वे युवा उर्जावान नेता हैं. वे ऐसी परंपरा से आते हैं कि जिसने राजनीति को जनता की सेवा का माध्यम माना है. सिंधिया के भाजपा में आने से भाजपा पूरे देश में और अधिक मजबूत होगी.
सिंधिया ने बताया कांग्रेस छोड़ने का प्रमुख कारण
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस में जो आज स्थिति पैदा हुई है, वहां जनसेवा के लक्ष्य की पूर्ति उस संगठन के माध्यम से नहीं हो पा रही है. इसके अतिरिक्त वर्तमान में जो स्थिति कांग्रेस पार्टी में है, वो अब पहले वाली पार्टी नहीं रही है. सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी वास्तविकता से इनकार कर रही है, नए नेतृत्व-नए विचार को नकार रही है. सिंधिया ने कहा, इस वातावरण में राष्ट्रीय स्तर पर जो स्थिति हो चुकी है, वहीं मध्य प्रदेश में भी राज्य सरकार सपने पूरे नहीं कर पाई है.
SS Chouhan, BJP: It's a joyous day for BJP & me personally. Today, I remember Rajmata Scindia ji. #JyotiradityaMScindia has become a member of BJP family. Yashodhara ji is here with us. Entire family is with BJP. They have a tradition where politics is a medium to serve people. pic.twitter.com/ixv06UUjwP
— ANI (@ANI) March 11, 2020
मेरे जीवन में दो तारीख काफी अहम: सिंधिया
सिंधिया ने कहा कि मेरे जीवन में दो तारीख काफी अहम रही हैं, इनमें पहला 30 सितंबर 2001 जिस दिन मैंने अपने पिता को खोया, वो जिंदगी बदलने वाला दिन है और दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 को जहां जीवन में एक बड़ा निर्णय मैंने लिया है. जो कांग्रेस पार्टी पहले थी वो आज नहीं रही, उसके तीन मुख्य बिंदु हैं. पहला कि वास्तविकता से इनकार करना, नई विचारधारा और नेतृत्व को मान्यता नहीं मिलना. 2018 में जब MP में सरकार बनी तो एक सपना था, लेकिन वो बिखर चुका है.
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