नई दिल्ली: केरल के मल्लापुरम में एक गर्भवती हथिनी की मौत के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इस हथिनी को वहां के कुछ लोगों ने अनानास में पटाखे छिपाकर खिला दिए थे. लेकिन इस घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. जवाबदेही और घटना की जिम्मेदारी पर पारा गरमाता दिखाई दे रहा है.
हथिनी की ‘हत्या’ के लिए जवाबदेही किसकी?
1). पी. विजयन, मुख्यमंत्री, केरल- हथिनी की हत्या पर खामोश रहे और तस्करों पर लगाम लगाने में भी नाकाम साबित हुए
2). के राजू, वन मंत्री, केरल- हथिनी को न्याय की जगह मामले को छिपाते रहे. जानवरों की हत्या और तस्करी रोकने में नाकाम रहे
3). पी. के. केसवन, चीफ, फॉरेस्ट फोर्स, केरल- हथिनी को मरने के लिए छोड़ दिया
4). सुरेंद्र कुमार, वार्डन, वन विभाग, केरल- गर्भवती हथिनी को खतरे में डाला
5). राहुल गांधी, सांसद, वायनाड- वायनाड के पास हथिनी की हत्या फिर भी राहुल खामोश क्यों? राहुल गांधी जानवरों की तस्करी और हत्या पर चुप रहे
6). केरल पुलिस- मामले के आरोपी/दोषी गिरफ्तार नहीं हुए. मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है
CM विजयन और सांसद राहुल की जुबान पर ताला
विस्फोट से हथिनी का जबड़ा बुरी तरह घायल हो गया था. जिसके बाद वो कुछ भी खा नहीं पा रही थी. 27 मई को इस हथिनी की वेल्लियार नदी में भूख और कमजोरी से मौत हो गई. सोशल मीडिया पर बात फैली तो पूरे देश से इस हथिनी को इंसाफ दिलाने की आवाजें उठने लगी हैं. हालांकि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और वायनाड से सांसद राहुल गांधी अब तक इस अमानवीय घटना पर कुछ भी कहने से बचते दिख रहे हैं.
जिसके बाद मेनिका गांधी ने राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाया है. उन्होंने पूछा है कि "केरल में हथिनी के साथ हुई बर्बरता को लेकर बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने राहुल गांधी पर सवाल उठाते हुए कहा है, वो उसी इलाके से सांसद हैं कार्रवाई क्यों नहीं करते?"
पर्यावरण मंत्रालय ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
वहीं इस मामले में पर्यावरण मंत्रालय ने मामले पर केरल सरकार रिपोर्ट मांगी है. केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि "घटना को पर्यावरण मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है और पूरी रिपोर्ट मांगी है, जो लोग भी इसमें दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी."
देशभर से इस दानवीय अपराध पर प्रतिक्रिया आ रही है. इस बीच कई लोगों ने इंसानी रूपी भेड़ियों की इस करतूत पर विरोध जताया है. आपको बताते हैं कि हथिनी की हत्या पर किसने क्या कहा?
हथिनी की मौत पर किसने क्या कहा?
बाबुल सुप्रियो, केंद्रीय मंत्री- "केरल की घटना से हैरान हूं, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित कराऊंगा"
रतन टाटा, चेयरमेन, टाटा संस- "बेगुनाह जानवरों के साथ ऐसे आपराधिक काम इंसानों की हत्या से अलग नहीं हैं"
अक्षय कुमार, अभिनेता- "शायद जानवर कम ‘जंगली’ हैं जबकि मनुष्यों में ‘इंसानियत’ कम हो गई है"
विराट कोहली, कप्तान, भारतीय क्रिकेट टीम- "जो कुछ हुआ सुनकर बहुत आहत हूं, जानवरों के साथ प्यार से पेश आना चाहिए"
भले ही केरल में हाथिनी के साथ राक्षसी कृत्य करने की वारदात इस वक्त आग की तरह पूरे देश में फैली हो. लेकिन केरल के साथ-साथ पूरे देश में हाथियों की दुर्दशा का हाल आपको जानना चाहिए.
देश में हाथियों की दुर्दशा का पूरा खाका
एक दशक में हाथियों की संख्या 10 लाख से घटकर 27 हजार हो गई है. केरल में हर तीसरे दिन 1 हाथी की मौत होती है. केरल में करीब 500 हाथियों को बंधक बना कर रखा गया है. देश में करीब 2500 हाथियों को बंधक बना कर रखा गया है. 1800 हाथियों को देश के अलग अलग मंदिरों में बंधक बना कर रखा गया है.
यहां आपका ये भी जानना जरूरी है कि यदि भारत में जानवरों की हत्या की जाती है को तो कानून में सजा का क्या प्रावधान है?
जानवरों की हत्या पर क्या कहता है कानून?
वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 के मुताबिक जंगली जानवर को चोट पहुंचाने या मारने पर 3 साल की कैद या 25,000 का जुर्माना या दोनों हो सकता है. दूसरी बार यही अपराध करने पर 7 साल की सजा हो सकती है.
इंसान का चोला ओढ़े दानवों की इस करतूत पर पूरा देश शर्मसार है. हर कोई आक्रोशित है, इस बीच ज़ी हिन्दुस्तान इस घटना को लेकर डंके की चोट पर 5 तीखे सवाल पूछ रहा है.
सवाल नंबर 1- क्या छुपाया जा रहा है हथिनी की ‘हत्या का सच’?
सवाल नंबर 2- बेजुबान गर्भवती हथिनी का ‘हत्यारा’ कौन?
सवाल नंबर 3- मासूम वन्यजीवों के ‘संरक्षण’ में नाकाम हुआ केरल?
सवाल नंबर 4- हथिनी को इंसाफ के लिए कब एकजुट होगा देश?
सवाल नंबर 5- CM विजयन और सांसद राहुल चुप क्यों?
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केरल के मल्लापुरम में एक हथिनी के साथ हुई बर्बरता ने इंसानियत को कठघरे में खड़ा कर दिया है. इंसान किस कदर जंगली हो चुका है, ये करतूत बता रही है. केरल में कुछ इंसानों ने एक भूखी और गर्भवती हथिनी को जलते हुए पटाखों से भरा अनानास खिला दिया और उस हथिनी की तड़प तड़प कर मृत्यु हो गई. ऐसे में क्या ये मामला अज्ञातों पर ही केस दर्ज करने तक सीमित रह जाएगा या फिर गर्भवती हथिनी को इंसाफ मिलेगा?
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