बड़ा खुलासा: जिस WHO ने बार-बार प्रशंसा की, उसको भी चीन ने दे दिया धोखा

जिस WHO ने कोरोना के मसले पर बार-बार चीन का समर्थन किया और प्रशंसा की. उसी को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. चीन की हकीकत एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने आ गई है. सच्चाई ये है चीन ने कोरोना पर डब्ल्यूएचओ को भी धोखा दिया है..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 4, 2020, 12:52 AM IST
    • चीन ने कोरोना पर WHO को दिया धोखा!
    • कोरोना पर चीन से नाराज़ था WHO!
    • जानकारी छिपाने वाले चीन की तारीफ क्यों?
बड़ा खुलासा: जिस WHO ने बार-बार प्रशंसा की, उसको भी चीन ने दे दिया धोखा

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ पूरे विश्वभर में युद्ध जारी है. दुनिया को एक के बाद एक परेशानियों में डालने वाले चीन ने किस तरह से कोरोना पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को बड़ा धोखा दिया. इसकी जानकारी आपको देते हैं.

चीन की आदत में शुमार है उसकी चालबाजी

अब तक आपको ये पता होगा कि कोरोना से लड़ाई में WHO चीन की तारीफ करता रहा. लेकिन सच्चाई ये है कि चीन ने कोरोना के बारे में WHO को भी सही वक्त पर जानकारी नहीं दी. जिससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई का बहुत कीमती वक्त बर्बाद हो गया.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बात को चिल्ला चिल्ला कर एक नहीं दो नहीं कई बार बता चुके हैं. सारी दुनिया इस बात को जानती है. लेकिन चीन ये स्वीकार नहीं कर रहा कि उनसे  कोरोना पर दुनिया से जानकारी छिपाई है और दुनिया में कोरोना के प्रसार के लिए पीछे किसी और का नहीं सिर्फ चीन का दोष है.

चीन ने कोरोना पर WHO को दिया धोखा!

चीन बार बार कहता रहा कि वो कोरोना के बारे में कुछ नहीं छिपा रहा. दुनिया में किसी ने चीन की बात नहीं मानी सिर्फ डब्ल्यूएचओ चीन के साथ खड़ा रहा. लेकिन अब एक बड़ा खुलासा हुआ है. जिसके मुताबिक चीन ने कोरोना पर WHO को धोखा दिया.

कोरोना पर चीन से नाराज़ था WHO!

एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने वायरस के बारे में WHO को देर से जानकारी दी थी. WHO के अधिकारी चीन से इस बात पर नाराज थे. दरअसल, इस नाराजगी की वजह ये थी कि चीन ने नए वायरस के जीनोम की जानकारी WHO को काफी देरी से दी थी. ऐसे में अपने लैब में कई देशों ने कोरोना के जीनोम के बारे में पहले ही पता लगा लिया था.

चीन ने कोरोना की जांच किट, दवा या टीके के बारे में कुछ नहीं बताया. डब्ल्यूएचओ के कुछ अधिकारियों के मुताबिक इससे कोरोना से लड़ने की तैयारी का कीमती समय बर्बाद हो गया.

जानकारी छिपाने वाले चीन की तारीफ क्यों?

जनवरी में WHO की कई आंतरिक बैठक हुई थी, जिसके अनुसार चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस नए वायरस के जीनोम की सार्वजनिक करने के बाद दी थी. 11 जनवरी को ही इन्फेक्शियस डिजीज एजेंसी की वेबसाइट पर इससे जुड़ी सूचना जारी कर दी गई थी. इसके करीब दो हफ्ते से ज्यादा वक्त बाद तक चीन ने इसकी जरूरी जानकारी WHO को नहीं दी. इन सभी बातों को दरकिनार करके भी चीन के दबाव में WHO पूरी दुनिया के सामने चीन की तारीफ करता दिखाई दिया.

अब आपको बताते हैं चीन से जानकारी नहीं मिलने के बावजूद WHO की किन गलतियों ने कोरोना से लड़ाई को कमजोर कर दिया.

कोरोना पर WHO की गलती

चीन की गलतियों के बावजूद WHO ने चीन की छवि सुधारने की कोशिश की. अधिक सूचना होने पर संकट को जल्द समाप्त करने में मदद मिलती. WHO के अधिकारी प्रशासन को नाराज़ किए बिना चीन पर अधिक सूचना के लिए दबाव बनाना चाहते थे. इसलिए उन्होंने कम समय में वायरस का जीनोम पता लगाने पर चीन की प्रशंसा की. इसके बजाय WHO को दुनिया के दूसरे देशों के साथ मिलकर चीन पर दबाव बनाना चाहिए था.

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यही वजह थी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप लगातार चीन से नाराज रहे और आखिर में डब्ल्यूएचओ से नाता तोड़ दिया. इस खुलासे के बाद ये साफ हो जाता है डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस और चीन की मिलीभगत की वजह से कोरोना की जानकारी दुनिया के सामने नहीं आ पाई और चीन से मिलीभगत की वजह से चीन की गलतियों के बावजूद WHO उसकी तारीफ करता रहा.

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