नई दिल्ली. पिछले डेढ़ माह से भारत और चीन के बीच सैन्य तनाव बना हुआ है जिसके केन्द्र में लद्दाख क्षेत्र में स्थित गलवान घाटी है. गलवान घाटी पर चीन ने विवाद पैदा किया और अपना फौजी जमावड़ा बढ़ाया तो भारत ने भी उसी शैली में जवाब दिया. लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के आमने सामने हैं. इसी बीच कल सोमवार 15 जून की रात दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प की खबर आई है जिसमें दोनों तरफ से कुछ सैनिकों की जान गई है.
गलवान घाटी की भौगोलिक स्थित
गलवान घाटी लद्दाख़ और अक्साई चीन के बीच स्थित है जहां से भारत-चीन सीमा काफी करीब है. भारत और चीन के बीच की वास्तविक नियंत्रण रेखा अर्थात एलएसी यहीं स्थित है जो कि अक्साई चीन को भारत से अलग करती है. अक्साई चीन भारत और चीन दोनों के बीच विवाद का मुद्दा है और दोनों ही देश इस पर अपना अपना दावा करते हैं. गलवान घाटी के भौगोलिक प्रसार की बात करें तो ये घाटी चीन के दक्षिणी शिनजियांग और भारत के लद्दाख़ तक फैली हुई है.
गलवान घाटी का महत्व
गलवान घाटी भारत का हिस्सा है किन्तु चीन इसके महत्व के कारण इस पर अपना दावा करने लगा है. गलवान घाटी का महत्व मूल रूप से सामरिक कारणों से है जिस पर चीन की बहुत पहले से नज़र है. अक्साई चीन वह क्षेत्र है जिसके अंतर्गत गलवान घाटी की भौगोलिक स्थिति देखी जा सकती है. विवादित गलवान घाटी क्षेत्र लद्दाख़ और अक्साई चीन के मध्य भारत-चीन सीमा के निकट है. इसी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा अक्साई चीन को भारत से विभाजित करती है. भारत और चीन दोनों ही देश अक्साई चीन पर अपना दावा करते हैं. अक्साई चीन घाटी चीन के दक्षिणी शिनजियांग क्षेत्र से लेेकर भारत के लद्दाख़ क्षेत्र तक फैली हुई है. और यही कारण इसे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है. वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के केन्द्र में गलवान घाटी ही थी.
गलवान घाटी को लेकर क्या है विवाद
एलएसी पर पिछले डेढ़ माह से चल रहा भारत-चीन सैन्य गतिरोध गलवान घाटी विवाद का ही परिणाम है. इस सैन्य तनाव के केंद्र में गलवान घाटी है. चीन भारत को इस तनाव का कारण मानता है. अपने सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख के माध्यम से चीन ने साफ़ तौर पर गलवान नदी क्षेत्र अर्थात गलवान घाटी क्षेत्र में चल रहे तनाव के लिए भारत को ज़िम्मेदार माना है.
चीन का आरोप- भारत ने पैदा किया तनाव
लेख के माध्यम से चीन का कहना है कि -भारत ने इस इलाक़े में रक्षा संबंधी निर्माण किये हैं जो कि अवैध हैं. इस निर्माण के कारण यहां चीनी सेना की तैनाती बढ़ानी पड़ी है. ये तनाव भारत के द्वारा शुरू किया गया है. लेकिन हमें विश्वास है कि वर्ष 2017 की डोकलाम जैसी स्थिति यहां नहीं पैदा होगी.
गलवान घाटी पर भी दावा किया
चीन ने ग्लोबल टाइम्स के माध्यम से गलवान घाटी को चीन का हिस्सा बताया. इस लेख में लिखा गया है कि गलवान घाटी चीनी इलाक़ा है. इतना ही नहीं चीन ने भारत पर सीमा समझौते के उल्लंघन का आरोप भी लगाया. लेख में कहा गया है कि भारत ने जो कदम उठाये हैं उनसे सीमा संबंधी मुद्दों पर भारत और चीन के बीच हुए समझौते का उल्लंघन हुआ है. इस लेख में चीन का आरोप है कि मई माह की शुरुआत से ही भारत गलवान घाटी में सीमा पार करके चीनी इलाक़े में घुस रहा है.
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