नई दिल्ली: मोदी सरकार वैश्विक रूप से चीन को अलग थलग करने में सफल हो रही है. सभी देश चीन उद्दंडता और कायरता के लिए उसकी आलोचना कर रहे हैं. चीन को कठोर ऐतिहासिक सबक सिखाने के लिए राजनाथ सिंह मित्र देश रूस की यात्रा करने वाले हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी महीने 22 तारीख को रक्षामंत्री रूस की यात्रा कर सकते हैं. इस यात्रा के कई मायने निकाले जा रहे हैं. मोदी सरकार चीन पर कठोर कार्रवाई करने का मन बना चुकी है और ऐसे में रूस को अपने पक्ष में साधना भारत की बड़ी कामयाबी साबित होगी.
द्वितीय विश्व युद्ध में रूस की विजय की 75 वर्षगांठ पर कार्यक्रम
आपको बता दें 24 जून को द्वितीय विश्व युद्ध में रूस की जीत की 75वीं वर्षगांठ है. इस उपलक्ष्य में रूस ने राजधानी मास्को में एक भव्य ‘विक्टरी-डे परेड’ का आयोजन किया है. इसी परेड में शिरकत करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस की राजधानी मास्को जाने वाले हैं.राजनाथ सिंह के साथ रक्षा सचिव अजय कुमार और प्रत्येक सशस्त्र बल के एक शीर्ष अधिकारी होंगे.
चीन के किसी नेता से मुलाकात नहीं
आपको बता दें कि अपनी रूस यात्रा के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह किसी भी चीनी नेता से मुलाकात नहीं करेंगे. इस कूटनीति के पीछे भारत की बड़ी योजना शामिल है. अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीनी नेताओं से मुलाकात न करके भारत चीन को घेरने की कोशिश कर रहा है. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह की रूस यात्रा लगभग तय है लेकिन इसपर मुहर आज शाम तक ही लग पाएगी क्योंकि शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन से चल रहे टकराव पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
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रूस भारत का सबसे भरोसेमंद देश
भारत और रूस के बीच सबसे आत्मीय सम्बन्ध रहे हैं. जब जब भारत को वैश्विक परिदृश्य में कोई आवश्यकता पड़ती है तब तब रूस भारत के साथ खड़ा होता है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ये रूस यात्रा चीन को सबक सिखाने के उद्देश्य से बहुत महत्वपूर्ण है. अहम बात ये है कि इस आयोजन में खुद भारत को आमंत्रित किया गया है. भारतीय प्रतिनिधि के रूप में रक्षामंत्री का जाना तय है.
बीते कुछ सालों में भारत की नजदीकियां अमेरिका से काफी बढ़ गई हैं, लेकिन भारत ने कभी भी रूस का साथ नहीं छोड़ा है.
भारत को कीमती रक्षा उपकरण देता है रूस
राजनाथ सिंह की रूस यात्रा ऐसे समय में है, जब भारतीय वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय से अपने 33 फाइटर जेट्स के प्रस्ताव को गति देने के लिए कहा है.गौरतलब है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद वायुसेना ने रूस से 21 मिग-29 लड़ाकू विमान खरीदने का प्लान बनाया था. उसे भी अंतिम रूप देने पर काम चल रहा है. आपको बता दें कि लद्दाख में चीन के साथ तनाव को लेकर रक्षा मंत्री चीनी नेताओं से ऐसे समय मुलाकात नहीं करने का फैसला किया है जब इस मुद्दे पर अमेरिका ने भारत के साथ एकजुटता जाहिर की है.