भारत को बाढ़ में डुबाने की साजिश कर रहा है नेपाल

चीन की शह पर वो नेपाल भी छोटी छोटी बातों को लेकर भारत तो आंख दिखाने लगा है. जिसे भारत ने हमेशा छोटे भाई का दर्जा दिया था. आज वही छोटा भाई अपने बड़े भाई को बाढ़ में डुबाने की साजिश रच रहा है.    

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 22, 2020, 07:40 PM IST
    • नेपाल ने रुकवाई बांध की मरम्मत
    • रुका गुआबरी बांध की मरम्मत का काम
    • अब दोनों देशों की तरफ से होगा सर्वे
    • चीन की शह पर गरज रहा है नेपाल
भारत को बाढ़ में डुबाने की साजिश कर रहा है नेपाल

नई दिल्ली: एक वक्त था जब भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के रिश्तों की दुहाई दी जाती थी. लेकिन आज हर बात पर तल्खी दिखाई जा रही है.

भारत को बाढ़ में डुबाने की साजिश 
नेपाल से सटे बिहार के मोतिहारी जिले में ढाका प्रखंड इलाके से लाल बकेआ नदी गुजरती है. बाढ आने पर पानी गुआबरी बांध को तोड़ आबादी की तरफ बढ़ जाता है. इसके चलते इस बांध पर प्रशासन मरम्मत का काम करा रहा था. जिसे नेपाल प्रशासन के ऐतराज के बाद रोक दिया गया. नेपाल प्रशासन का कहना है कि बांध का करीब 5 से 6 सौ मीटर का एरिया, जो पिलर नं 346/5 से लेकर 346/7 के बीच का है, वो नो मैन्स लैंड है. जहां कोई निर्माण नहीं किया जा सकता है. इसलिए इतनी दूर मरम्मत का काम रोक दिया गया है.

ये समस्या पहले नहीं थी
इसके पहले नेपाली अधिकारियों के साथ बैठक में तय हुआ कि पहले दोनो देशों की सर्वे टीम पैमाइश कर परिसीमन करेंगी. इसके लिए डीएम सर्वे आफ इंडिया को पत्र लिख चुके हैं. 
पिछले साल इसी रास्ते से बाढ़ का पानी घुसा था और ढाका, पताही और फैनहारा इलाके में तबाही मचाई थी. 5-6 सौ मीटर को छोड़कर बाकी बांध की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है. डीएम के अनुरोध पर देहरादून सर्वे राष्ट्रीय संस्थान की टीम के आने का इंतज़ार है. जिसके बाद नेपाल की टीम भी आकर जांच करेगी. सर्वे के बाद परिसीमन का काम होगा. लेकिन पहले तो नेपाल ने इस तरह से कभी नाराज़गी नहीं जताई थी.

चीन की शह पर नेपाल का दिमाग खराब
 भारत और नेपाल के बीच ये कोई जमीनी समस्या नहीं. बल्कि नेपाल के दिमाग में पैदा किया गया एक फितूर है. जिसके पीछे चीन का हाथ है. अब नेपाल अपनी सीमा पर कभी गोलियां चलाता है. तो कभी आते जाते लोगों को परेशान करता है. अब तो उसे बांध की मरम्मत पर भी ऐतराज होने लगा है. उम्मीद कीजिए.. कि जब चीन की सेनाओं के दिमाग से गर्मी उतरेगी. तो शायद नेपाल का मिजाज भी सुधरने लगे. 

 

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