जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का गतिरोध पहले सड़क पर आया और अब ये अदालत तक पहुंच गया है. अदालत ने 21 जुलाई तक पायलट खेमे के विधायकों की सदस्यता पर कोई भी निर्णय लेने से स्पीकर को रोक दिया है. दूसरी तरफ भाजपा और कांग्रेस में भी तनातनी बढ़ गयी है.
भाजपा ने फ़ोन टैपिंग मामले की सीबीआई जांच की मांग की
We demand a Central Bureau of Investigation (CBI) probe into this matter, whether phone tapping was done or SOPs were followed. Is there an emergency situation in Rajasthan? Are all political parties being targeted this way?: Sambit Patra, BJP https://t.co/RJw6l7LnVc
— ANI (@ANI) July 18, 2020
बीजेपी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए फोन टैपिंग कांड की सीबीआई जांच की मांग की है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने शनिवार को गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कई सवाल किए और उन पर कांग्रेस से जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस पूरे प्रकरण का CBI द्वारा जांच की मांग करती है. क्या एसओपी फॉलो हुआ, फोन टेपिंग इत्यादि किया गया? क्या सभी राजनीतिक पार्टी के सभी लोगों के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जा रहा है? इसको लेकर CBI द्वारा तत्कालीन जांच हो.
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राजस्थान में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन नहीं
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि क्या अप्रत्यक्ष रूप से क्या राजस्थान में इमरजेंसी लगा दी गई है? कांग्रेस का फोन टेपिंग को लेकर इतिहास भी है. चिदंबरम और प्रणब को देखा था. कैसे बगिंग कांड सामने आया था. क्या कांग्रेस द्वारा वही इतिहास आज दोहराया जा रहा है.
राजस्थान की गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राजस्थान की सरकार 2018 में बनी, अशोक गहलोत जी मुख्यमंत्री बनें, उसके बाद एक कोल्ड वॉर की स्थिति कांग्रेस पार्टी की सरकार में बनी रही. कल अशोक गहलोत जी ने स्वयं मीडिया के सामने आकर कहा है कि 18 महीने से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के बीच में वार्तालाप नहीं हो रही थी.