जबलपुर: मध्य प्रदेश की आयुध निर्माणी खमरिया(ordinance Factory Khamariya)में तैयार हुए बमों का ओडिशा के बालासोर में परीक्षण किया गया. इस दौरान जवानों ने इन बमों की मारक क्षमता और उपयोगिता से संबंधित जरुरी आंकड़े एकत्रित किए हैं.
पूना में तैयार होगी रिपोर्ट
स्वदेशी एंटी टैंक बम(FSAPDS)के आंकड़ों की जांच महाराष्ट्र पूना में तैयार की जाएगी. जिसकी बाद इन बमों की आपूर्ति सेना को की जाएगी. इन बमों के 130 करोड़ कीमत के 3000 पीस इस्तेमाल के लिए तैयार हैं. इस एक बम की लागत 4.25(सवा चार लाख) रुपए है. इन बमों की मारक क्षमता परखने के लिए बालासोर फायरिंग रेंज में फ्रांस से मिश्रित धातु की पट्टी मंगाई गई थी. जो कि 3 मीटर मोटी, 3 मीटर लंबी, 3 मीटर चौड़ी 8 टन वजनी थी. इस प्लेट की खरीद ऑर्डिनेन्स फैक्ट्री खमरिया ने ही की थी. जिसके बाद इसे बालासोर भेजा गया था.
बालासोर में हुए परीक्षण के दौरान इन बमों ने कितने क्षेत्र में असर किया और इसका प्रभाव कितना गहरा रहा. इन सभी तकनीकी बातों का परीक्षण किया गया है.
परीक्षण के लिए 5 महीने का इंतजार
स्वदेशी एंटी टैंक बम(FSAPDS)का परीक्षण मार्च के महीने में ही किया जाना था. इसके लिए मार्च के आखिरी सप्ताह में तैयारियां भी पूरी कर ली गई थीं. बालासोर में 24 से 27 मार्च के बीच इन बमों का परीक्षण किया जाना था. लेकिन इस बीच देश में कोरोना संक्रमण फैलने से इन बमों का परीक्षण टल गया था.
रूस और भारत का है ज्वाइंट प्रोजेक्ट
स्वदेशी एंटी टैंक बम(FSAPDS) के परीक्षण के लिए भारत-रूस ने ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी (टीओटी) करार किया था. जिसके बाद मध्य प्रदेश के खमरिया में रूसी तकनीक से 125एमएम टैंकभेदी बम(FSAPDS) का उत्पादन शुरू किया गया. आयुध निर्माणी खमरिया में पिछले वर्ष 10 हजार टैंकभेदी बमों का उत्पादन किया जा चुका है. अब यहां दूसरे फेज में दोबारा टैंकभेदी बमों का उत्पादन हो रहा है. जिसका परीक्षण सोमवार को किया गया.