Gujrat में बंद हो जाएगी 100 साल पुरानी Billimora-Waghai हैरिटेज ट्रेन, जानें कारण
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Gujrat में बंद हो जाएगी 100 साल पुरानी Billimora-Waghai हैरिटेज ट्रेन, जानें कारण

गुजरात (Gujrat) के दक्षिण हिस्से में चल रही Billimora-Waghai हैरिटेज ट्रेन के पहिये अब हमेशा के लिए थमने वाले हैं. रेल मंत्रालय ने घाटे का हवाला देकर इस ट्रेन सेवा को बंद करने का फैसला किया है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: गुजरात (Gujrat) के दक्षिण हिस्से में पिछले 100 सालों से चल रही Billimora-Waghai हैरिटेज ट्रेन अब जल्द ही बीते दिनों की बात बन जाएगी. लगातार घाटे और परिचालन में आ रही दिक्कतों के चलते रेल मंत्रालय ने इस हैरिटेज ट्रेन को बंद करने का फैसला किया है. 

  1. नैरो गेज ट्रेक पर चलती है ट्रेन
  2. वलसाड को डांग जिले से जोड़ती है ट्रेन सेवा
  3. आदिवासियों ने सरकार के फैसले पर जताई नाराजगी

नैरो गेज ट्रेक पर चलती है ट्रेन
जानकारी के मुताबिक यह हैरिटेज नैरो गेज (Narrow-Gauge) ट्रेक पर चलती है. इसके कुल 11 रूट हैं. यह गुजरात के दक्षिण हिस्से आदिवासी इलाकों में परिवहन का सस्ता और सुलभ साधन मुहैया करवाती है. दूसरे शब्दों में कहें तो यह आदिवासी इलाकों के लिए जीवनरेखा का काम करती है. इस ट्रेन सेवा की शुरुआत अंग्रेजों ने 100 साल पहले की थी. 

रेल मंत्रालय ने ट्रेन सेवा को गैर-फायदेमंद बताया
रेल मंत्रालय ने (Ministry of Railways) हाल में Billimora-Waghai हैरिटेज ट्रेन सेवा को 'गैर-फायदेमंद' और संचालन के लिहाज से 'अनफिट' करार दिया है. रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर के मुताबिक घाटे की वजह से इस हैरिटेज ट्रेन सेवा के कुछ रूट पहले ही बंद हो चुके हैं. अंग्रेजों ने 1913 में पहली बार यह ट्रेन सेवा चलाई थी. इस हैरिटेज ट्रेन का इतिहास बड़ौदा रियासत पर शासन करने वाले गायकवाड़ वंश से भी जुड़ा हुआ है. 

वलसाड को डांग जिले से जोड़ती है ट्रेन सेवा
यह नैरो गेज ट्रेन सेवा Valsad जिले में  बिलिमोरा (Billimora junction) को Dang जिले में बने Waghai Junction से जोड़ती है. इस रूट की दूरी करीब 63 किमी है. इनमें अधिकतर इलाका ऐसा है, जो रोड़ कनेक्टिविटी से पूरी तरह कटा हुआ है और वहां के लोगों के लिए ट्रेन सेवा ही एकमात्र सहारा है. इस ट्रेन में कुल 5 कोच हैं और अधिकतम किराया 15 रुपये है. गुजरात के इस हिस्से में रहने वाले आदिवासी इसी ट्रेन के जरिए जंगल में पैदा होने वाली सब्जियों और दूसरी चीजों को बेचने के लिए Billimora तक लेकर जाते हैं. 

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आदिवासियों ने सरकार के फैसले पर जताई नाराजगी
इसी तरह, बिलिमोरा में काम करने वाले डांग के गरीब मजदूर भी अपने दैनिक आवागमन के लिए इसी ट्रेन सेवा का उपयोग करते हैं. इस ट्रेन सेवा के बंद हो जाने की घोषणा के बाद इन आदिवासियों में अपने भविष्य को लेकर अंधकार दिख रहा है. आदिवासियों ने रेल मंत्रालय के फैसले पर अपनी नाराजगी जताते हुए वलसाड के सांसद Dr KC Patel और डांग के भाजपा विधायक Vijay Patel से मिलकर इस फैसले को वापस करवाने की मांग की है. 

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