सामने आया दिमाग को खाने वाला 'वायरस', इस देश में बीमारी से हुई पहली मौत; जानें कितना है खतरनाक
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सामने आया दिमाग को खाने वाला 'वायरस', इस देश में बीमारी से हुई पहली मौत; जानें कितना है खतरनाक

Naegleria Fowleri Virus: एक ऐसी खबर सुनने को मिली, जिस पर लोग हक्के-बक्के रह गए. थाईलैंड से लौटने के बाद 50 साल के एक व्यक्ति की नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria Fowleri) के संक्रमण से मौत हो गई.

 

सामने आया दिमाग को खाने वाला 'वायरस', इस देश में बीमारी से हुई पहली मौत; जानें कितना है खतरनाक

Brain Eating Virus: पिछले तीन साल से पूरी दुनियाभर में कोरोनावायरस का कहर जारी है. चीन में रोजाना लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं, जबकि सैकड़ों लोगों की मौत हो रही है. इस दौरान एक ऐसी खबर सुनने को मिली, जिस पर लोग हक्के-बक्के रह गए. द कोरिया टाइम्स के अनुसार, थाईलैंड से लौटने के बाद 50 के दशक में एक व्यक्ति की नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria Fowleri) के संक्रमण से मौत हो गई, जिसे 'दिमाग खाने वाला अमीबा' (Brain-Eating Amoeba) भी कहा जा रहा है. कोरिया रोग नियंत्रण और रोकथाम एजेंसी (Korea Disease Control and Prevention Agency) का हवाला देते हुए 'न्यूज आउटलेट' की एक रिपोर्ट के अनुसार, थाईलैंड से लौटने के बाद एक कोरियाई नागरिक की मौत हो गई.

थाईलैंड से लौटे शख्स की कोरिया में हुई मौत

गौरतलब है कि दो हफ्ते पहले 10 दिसंबर को कोरिया लौटने से पहले उस व्यक्ति ने थाईलैंड में कुल चार महीने बिताए थे. जब मरीज वापस लौटा तो उसी शाम मेनिन्जाइटिस के लक्षण दिखाई देने लगे थे- जैसे कि सिरदर्द, बुखार, उल्टी, बोलने में कठिनाई और गर्दन में अकड़न, और अगले दिन उसे एक एमरजेंसी कमरे में ट्रांसफर कर दिया गया. अगले दिन उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और 21 दिसंबर को उनका निधन हो गया. कोरियाई हेल्थ एजेंसी के मुताबिक, उनकी मृत्यु का कारण तीन अलग-अलग संक्रमणों पर अनुवांशिक परीक्षण द्वारा निर्धारित किया गया था, जो नेगलेरिया फाउलेरी का कारण बनता है.

खतरनाक है पानी में मिलने वाला ये वायरस

टेस्ट से पता चला कि थाईलैंड से आए शख्स के शरीर में एक जीन था जो 99.6% एक मेनिनजाइटिस रोगी में खोजे गए जीन के समान था जो विदेश में रिपोर्ट किया गया था. यह साउथ कोरिया में इस बीमारी का पहला ज्ञात संक्रमण है. हालांकि, केडीसीए ने अभी तक ट्रांसमिशन की सटीक मैथड की पहचान नहीं की है, लेकिन यह उजागर किया है कि वायरल के दो मुख्य स्रोत दूषित पानी में तैरना और संक्रमित पानी से नाक धोना है. नेगलेरिया फाउलेरी का पहला मामला 1937 में  संयुक्त राज्य अमेरिका के वर्जीनिया में दर्ज किया गया था.

कहा जाता है 'दिमाग खाने वाला अमीबा'

संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय पब्लिक हेल्थ एजेंसी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, नेगलेरिया फाउलेरी एक अमीबा (एकल-कोशिका वाला जीवित जीव) है जो मिट्टी और गर्म फ्रेश वॉटर, जैसे झीलों, नदियों और गर्म झरनों में रहता है . इसे 'मस्तिष्क खाने वाला अमीबा' कहा जाता है क्योंकि जब अमीबा युक्त पानी नाक के ऊपर जाता है तो यह मस्तिष्क के संक्रमण का कारण बन सकता है. संयुक्त राज्य अमेरिका में हर साल केवल तीन लोग संक्रमित होते हैं, लेकिन ये संक्रमण आमतौर पर घातक होते हैं.

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