Navratri Special: इस वीडियो पर कुछ लोग भड़के हुए हैं तो वहीं कुछ लोग इसे अपनी-अपनी आस्था बता रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि चंडी पाठ हिंदू परंपरा में देवी मां की मंत्र पूजा की सबसे प्राचीन प्रणालियों में से एक है.
Trending Photos
Durgapuja Pandal of Kolkata: इन दिनों देशभर में दुर्गापूजा की धूम है. लोग तरह-तरह से इस उत्सव को मना रहे हैं. इसी बीच पश्चिम बंगाल से एक बेहद ही गजब वीडियो सामने आया है. इसमें कुछ लोग बैठकर चंडीपाठ कर रहे हैं लेकिन वे इसका उच्चारण अंग्रेजी में कर रहे हैं. जैसे ही इसका वीडियो वायरल हुआ लोग मिलीजुली प्रतिक्रिया देने लगे. कुछ लोग इसे सही नहीं मान रहे हैं.
ग्लोबल ऑडियंस के लिए अंग्रेजी में चंडीपाठ
दरअसल, यह मामला कोलकाता स्थित कुदघाट पूजा समिति से जुड़ा हुआ है. यहां की समिति के कुछ लोगों ने महालया पूजा पर अंग्रेजी में चंडीपाठ किया. इस पूजा को कुदघाट प्रगति संघ की तरफ से ऑर्गनाइज किया गया था. वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए तमल नामक शख्स ने लिखा कि कोलकाता के दुर्गा पूजा क्लब ने बड़े स्तर पर ग्लोबल ऑडियंस के लिए चंडीपाठ की मशहूर बंगाली कथा का अंग्रेजी में अनुवाद किया, जिसका परिणाम काफी दिलचस्प रहा.
क्या मातृभाषा की भावनाओं के साथ न्याय हुआ?
उन्होंने आगे लिखा कि क्या अंग्रेजी कभी हमारी भाषा के स्थान को पा सकती है, क्या वह हमारी मातृभाषा के साथ पैदा होने वाली भावनाओं के साथ न्याय कर सकती है. इस वीडियो के बाद सोशल मीडिया यूजर इस पर बंट गए. कुछ लोग भड़के हुए हैं तो वहीं कुछ लोग इसे अपनी-अपनी आस्था बता रहे हैं. बता दें कि महालया पितृ पक्ष यानी सर्व पितृ अमावस्या का अंतिम दिन माना जाता है. इस दिन को देवी दुर्गा के परम शक्ति के साथ पृथ्वी पर आगमन के रूप में बताया जाता है। इसलिए चंडीपाठ का आयोजन होता है.
ऐसी मान्यता है कि चंडी पाठ हिंदू परंपरा में देवी मां की मंत्र पूजा की सबसे प्राचीन प्रणालियों में से एक है. फिलहाल इस वीडियो देखने के बाद लोग अपनी अपनी प्रतिक्रिया देते नजर आ रहे हैं. एक यूजर लिखा कि ऐसा लग रहा है कि किसी चर्च में लोग हैं. क्या ये लोग अपनी मातृभाषा और मां दुर्गा को बदल देंगे.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर
This #DurgaPuja club in #Kolkata translated legendary #Bengali narration of Chandipath to English for larger global audience. Outcome is hilarious. Can #English ever replace the richness of our language,do justice to the quintessential emotion that is evoked only in our language? pic.twitter.com/kfFBZrDSGh
— Tamal Saha (@Tamal0401) September 27, 2022