मटर पनीर की जगह डिलीवर हुआ 'चिकन करी', रेस्टोरेंट को इस वजह से भरना पड़ा Rs 20,000 का जुर्माना
Advertisement

मटर पनीर की जगह डिलीवर हुआ 'चिकन करी', रेस्टोरेंट को इस वजह से भरना पड़ा Rs 20,000 का जुर्माना

Food Delivery News: छोटी सी गलती पर दुकानदार के मालिक को हजारों रुपये की चपत लग गई.ग्वालियर में एक परिवार ने शहर के प्रसिद्ध जीवाजी क्लब से जोमैटो पर शाकाहारी भोजन का ऑर्डर दिया.

 

मटर पनीर की जगह डिलीवर हुआ 'चिकन करी', रेस्टोरेंट को इस वजह से भरना पड़ा Rs 20,000 का जुर्माना

गलत ऑर्डर डिलीवर होने के कई मामले सामने आए हैं. लेकिन क्या होता है जब एक शाकाहारी परिवार को लापरवाही के कारण मांसाहारी भोजन मिलता है? सिर्फ एक गलत डिलीवरी की वजह से रेस्टोरेंट को बड़े हर्जाने का सामना करना पड़ा. छोटी सी गलती पर दुकानदार के मालिक को हजारों रुपये की चपत लग गई.ग्वालियर में एक परिवार ने शहर के प्रसिद्ध जीवाजी क्लब से जोमैटो पर शाकाहारी भोजन का ऑर्डर दिया. हालांकि, जब उनके घर खाना पहुंचाया गया तो वे अवाक रह गए. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें मटर पनीर की जगह चिकन करी डिलीवर हो गया.

पनीर लबाबदार की जगह घर पर आया चिकन करी

परिवार यह देखकर हैरान रह गया कि डिलीवर किए गए ऑर्डर में मटर पनीर लबाबदार की जगह चिकन करी थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक, चूंकि परिवार 'शुद्ध शाकाहारी' था, इसलिए परिवार के किसी भी सदस्य ने कई दिनों तक कुछ भी नहीं खाया. अपने बुरे अनुभव के कारण, परिवार ने इस गंभीर उपेक्षा को लेकर उपभोक्ता फोरम में एक याचिका दायर की, और फोरम ने क्लब की रसोई पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया. उपभोक्ता फोरम के अनुसार इस परिदृश्य में सेवा की कमी है.

उपभोक्ता फोरम में दायर की याचिका

मीडिया रिपोर्ट में फोरम के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि यह सर्विस की कमी है. यह एक लापरवाही का मामला है जिससे शिकायतकर्ता को मानसिक और शारीरिक चोट पहुंची है. जुर्माने की राशि के साथ-साथ शिकायतकर्ता द्वारा लड़े गए मुकदमे की कीमत का भी भुगतान करना होगा. उन्होंने दावा किया कि इससे उनकी भावनाओं को भी ठेस पहुंची है. शिकायतकर्ता को लापरवाही के कारण शारीरिक और मानसिक क्षति हुई है. किचन पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा, क्लब शिकायतकर्ता फोरम मामले से जुड़े खर्चों के लिए भी जिम्मेदार होगा.

यह मामला पिछले महीने 26 जून का

जीवाजी क्लब के स्थायी सदस्य एवं नगर निवासी अधिवक्ता सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने 26 जून को मटर पनीर का आर्डर दिया. हालांकि, Zomato ने मांसाहारी भोजन दिया, इसलिए क्लब को दंडित किया गया. अटॉर्नी श्रीवास्तव ने शिकायत की. लेकिन जीवाजी क्लब के सदस्य होते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. उपभोक्ता फोरम ने मामले की सुनवाई करते हुए जीवाजी क्लब की रसोई की लापरवाही को स्वीकार किया और फैसला सुनाया कि उन पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाए.

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Trending news