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पुरातत्वविदों के एक रिसर्च में यह पाया गया है कि करीब 3,000 साल पहले मारा गया शख्स शार्क हमले का शिकार हुआ था, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई थी. इस मामले में ऑक्सफोर्ड के रिसर्चर्स क्योटो यूनिवर्सिटी में एक कंकाल के अवशेषों पर हुए हिंसक हमले के सबूतों की जांच में जुटी.
न्यूज डॉट स्काई डॉट कॉम में छपी खबर के मुताबिक, रिसर्चर एलिसा व्हाइट और प्रोफेसर रिक शुल्टिंग ने सेटो अंतर्देशीय सागर (Seto Inland Sea) में त्सुकुमो (Tsukumo) के पहले खुदाई स्थल से मिले कंगाल में यह पाया कि उस व्यक्ति को कई गंभीर चोटें आई थीं. रिसचर्स ने उसके अवशेषों की समीक्षा की.
उन्होंने अपनी रिपोर्ट्स में कहा, 'हम शुरू में इस बात से घबरा गए थे कि इस आदमी को कम से कम 790 गहरी व दांतेदार चोटें कैसे हो सकती हैं. इतने चोटों के बावजूद उसे सामुदायिक कब्रिस्तान में दफनाया गया था.' उन्होंने यह भी बताया था कि चोटें मुख्य रूप से हाथ, पैर, छाती और पेट के सामने तक ही सीमित थीं.'
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जब कंकाल को निकाला गया तो शुरुआती प्रॉसेस देखा गया कि वह इंसानी टकराव, जानवर के हमले का शिकार या फिर कोई मैला ढोने वाला मामला नहीं था. इसे रिसर्चर्स ने खारिज कर दिया. यह स्टडी जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजिकल साइंस रिपोर्ट्स (Journal of Archaeological Science) में प्रकाशित हुआ है.
शार्क रिपोर्ट के पुरातात्विक मामले बेदह ही रेयर हैं, इसलिए उन्होंने सुराग के लिए फोरेंसिक शार्क हमले के मामलों की ओर रुख किया. वह शार्क रिसर्च के विशेषज्ञ जॉर्ज बर्गेस के मिले. उनकी टीम ने निष्कर्ष निकाला कि नंबर 24 के रूप में जाने जाने वाले व्यक्ति की मृत्यु 1370 से 1010 ईसा पूर्व के बीच हुई थी.