Trending Photos
Dinosaurs Research By Scientists: डायनासोर लगभग 180 मिलियन वर्षों तक पृथ्वी पर राज करते रहे. उनका शासन खत्म हुआ जब एक बड़े सामूहिक विलुप्ति ने पृथ्वी पर जीवन के लगभग 80 प्रतिशत को खत्म कर दिया. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस विलुप्ति का कारण एक विशाल उल्का या धूमकेतु का टकराना, ज्वालामुखीय गतिविधियां और समुद्र के स्तर में बदलाव थे. हालांकि, यह रहस्य बना हुआ है कि ये जीव पहली बार दुनिया में कैसे आए. माना जाता है कि डायनासोर एक समूह के सरीसृपों से विकसित हुए, जिन्हें डायनोसॉरमोर्फ्स कहा जाता है.
हाल ही में ब्राजील के वैज्ञानिकों ने एक प्राचीन जीवाश्म की खोज की है, जो लगभग 237 मिलियन वर्ष पुराना है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह जीवाश्म डायनासोर के उद्भव को समझने में मदद कर सकता है.
पढ़ें: भाई-भतीजे के लाश संग इस शख्स ने समंदर में गुजारे 67 दिन, वापस लौटा तो दिखा भयानक मंजर
ब्राजील में प्राचीन डायनासोर के पूर्वज का मिला जीवाश्म
इस सरीसृप की प्रजाति का नाम "गोंडवाना पैराीसेंसिस" रखा गया है. इसका आकार एक छोटे कुत्ते के समान था और इसकी लंबी पूंछ थी. इस जीवाश्म की लंबाई लगभग 1 मीटर (39 इंच) थी और इसका वजन 3 से 6 किलोग्राम (7 से 13 पाउंड) के बीच था. यह जानकारी वैज्ञानिकों ने 14 अक्टूबर को एक बयान में दी, जैसा कि रॉयटर्स ने बताया.
रिसर्चर्स ने इस जीवाश्म को एक नए साइलेसॉरिड के रूप में पहचाना है - जो एक विलुप्त सरीसृपों का परिवार है. ये छोटे जीव ब्राजील के दक्षिणी हिस्से में रहते थे, जब पृथ्वी का तापमान काफी अधिक था. हालांकि, पैलियोन्टोलॉजिस्ट अभी तक यह पुष्टि नहीं कर पाए हैं कि साइलेसॉरिड वास्तव में डायनासोर थे या उनके पूर्वज. बयान में कहा गया, "इन पूर्वजों की विशेषताओं को समझना यह स्पष्ट कर सकता है कि डायनासोर के विकास में क्या महत्वपूर्ण था."
यह भी पढ़ें: चलती ट्रेन से गिरी बच्ची, 10 KM बाद ढूंढने लगे मां-बाप... पुलिस वालों ने फिर यूं किया हीरो वाला काम
डॉक्टर ऑरेलियो ने साल 2014 में खोजा
यह जीवाश्म 2014 में ब्राजील के रियो ग्रांडे डो सुल राज्य के "पारैसो डो सुल" शहर में चिकित्सक पेड़्रो लुकास पोर्केला ऑरेलियो द्वारा खोजा गया था. ऑरेलियो ने इसे एक पड़ोसी विश्वविद्यालय को दान किया, जहां उन्होंने तीन साल तक इस पर रिसर्च किया. ऑरेलियो ने रॉयटर्स को बताया, "237 मिलियन वर्ष पहले के किसी चीज़ को छूने वाला पहला व्यक्ति होना अद्भुत है. यह एक बेजोड़ अनुभव है."
यह खोज विज्ञान पत्रिका "गोंडवाना रिसर्च" में शोधकर्ता रोड्रिगो टेम्प मुलर द्वारा पहली बार प्रकाशित की गई. पैलियोन्टोलॉजिस्ट ने कहा, "इस खोज का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा इसका युग है. चूंकि यह इतना पुराना है, यह हमें यह समझने में मदद करता है कि डायनासोर कैसे बने." मुलर ने आगे कहा कि जब ऑरेलियो ने इसे उनके पास लाया, तो यह एक चट्टान की परत से ढका हुआ था. उस समय, मुलर केवल कशेरुकाओं को पहचान सके क्योंकि अन्य हिस्से स्पष्ट नहीं थे. यह खोज डायनासोर के विकास के रहस्यों को उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है.