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Greater Noida Eye Opration: ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां आरोप है कि सात साल के एक बच्चे की गलत आंख पर सर्जरी की गई और इसके लिए परिवार से 45,000 रुपये की भारी रकम ली गई. इसके बाद, जब परिवार ने एक दूसरे मेडिकल सेंटर में जांच कराई तो पता चला कि बच्चे की किसी भी आंख पर कोई सर्जरी नहीं की गई थी, जिससे अस्पताल में चिकित्सीय लापरवाही की आशंका पैदा हो गई.
यह घटना बिसरख के निवासी नितिन भाटी के साथ घटी. उन्होंने देखा कि उनके बेटे की बाईं आंख एक सप्ताह से लगातार पानी बह रही थी. इसके बाद, उन्होंने नजदीकी निजी अस्पताल से मदद ली. अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की आंख में शायद कोई विदेशी वस्तु फंसी हो, और उसे निकालने के लिए सर्जरी करने की सलाह दी गई. नितिन भाटी ने इस सलाह पर विश्वास किया और सर्जरी के लिए सहमति दे दी.
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सात साल के बच्चे की गलत आंख पर सर्जरी
सर्जरी 11 नवंबर को सुबह करीब 9:30 बजे की गई और अस्पताल ने उन्हें बताया कि ऑपरेशन सफल रहा. महज दो मिनट बाद बच्चे को उनके पिता के पास वापस लाया गया और उन्हें एक तस्वीर दिखाई गई, जिसमें दावा किया गया कि यह वही प्लास्टिक का टुकड़ा है, जिसे निकाला गया था. अस्पताल ने उन्हें आश्वासन दिया कि सब कुछ ठीक से हो गया है.
लेकिन घर लौटने पर नितिन भाटी और उनके परिवार ने पाया कि बच्चे की दाईं आंख पर बैंडेज लगाया गया था, जबकि बाईं आंख पर समस्या थी. यह देखकर वे चकित हो गए और घबराए. इस पर, उन्होंने दूसरे अस्पताल से राय लेने का फैसला किया. जांच में यह पाया गया कि बच्चे की आंखों पर कोई सर्जरी नहीं की गई थी, जिससे उनके शक की पुष्टि हो गई.
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परिवार ने ऑपरेशन के दिए 45,000 रुपये
इसके बाद परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और मामला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) के पास भेजा गया. हालांकि, CMO ने कहा कि उनके कार्यालय को इस मामले के बारे में अभी तक कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है, जिससे परिवार और भी निराश हो गया. मामला और गंभीर हो गया जब नितिन भाटी ने 12 नवंबर को डॉक्टर से मुलाकात की. भाटी के अनुसार, डॉक्टर ने न केवल प्रिस्क्रिप्शन को फाड़ने की कोशिश की, बल्कि मुलाकात के दौरान उनका शारीरिक उत्पीड़न भी किया.
अब, भाटी परिवार अस्पताल के खिलाफ चिकित्सीय लापरवाही और गलत इलाज के आरोप लगा रहा है. वे पूरी सर्जरी की रकम यानी 45,000 रुपये की वापसी की मांग कर रहे हैं और इस घटना के लिए न्याय की भी अपील कर रहे हैं. इस घटना ने अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा और उपचार में पारदर्शिता की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है. इस मामले में पुलिस और CMO जांच कर रहे हैं, लेकिन परिवार ने अपनी आक्रोशित प्रतिक्रिया में यह सुनिश्चित किया है कि वे इस मुद्दे को सामने लाकर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित कराना चाहते हैं.