Oldest Flush: इसकी एक तस्वीर सामने आई है जिसने लोगों के बीच तहलका मचा दिया है. इसमें दिख रहा है कि कैसे उसके टूटे हुए पुर्जे एकदम से चौंकाने वाले हैं. फिलहाल इस पुरातात्विक खोज ने दुनिया भर के लोगों के बीच उत्साह जगाया है. बताया जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे पुराना ज्ञात फ्लश टॉयलेट है.
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First Flush Toilet Of World: आज के दौर में तो टॉयलेट बनाने के लिए कई तरह की विकल्प मौजूद हैं. डिजाइन से लेकर नक्काशी और फिर अन्य सहूलियतों का ख्याल रखा जाता है लेकिन पुराने जमाने में ऐसा नहीं था. इसी बीच खोजकर्ताओं ने कमाल कर दिया है. उन्होंने चीन से एक ऐसे टॉयलेट की खोज की है जिसे दुनिया का सबसे पुराना फ्लश का टॉयलेट कहा जा रहा है. इतना ही नहीं इस टॉयलेट की एक तस्वीर भी शेयर की गई है जो दुनियाभर में वायरल हुई है.
पुराने महल में स्थित खंडहर में
दरअसल, यह घटना चीन के यूयांग प्रांत की है. चाइना डेली की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रांत के एक पुराने महल में स्थित खंडहर में मैनुअल शौचालय के साथ-साथ मुड़े हुए फ्लश पाइप की खोज की गई. शोधकर्ताओं ने शौचालय को एक 'लक्जरी वस्तु' बताया है. माना जा रहा कि यह महल के अंदर था, जिसमें एक पाइप किसी बाहरी गड्ढे की ओर गया था और नौकरों ने शायद हर बार इस शौचालय में पानी डालने का नियम बनाया हुआ था.
2400 साल पुराना बताया
रिपोर्ट्स के मुताबिक शोधकर्ताओं ने इसे 2400 साल पुराना बताया है. माना जा रहा है कि इस टॉयलेट का इस्तेमाल चीन के किन राजवंश के राजाओं द्वारा किया गया था. यूयांग की खुदाई का कार्य 2012 में शुरू हुआ था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खुदाई के दौरान शौचालय का ऊपरी आधा हिस्सा नहीं मिला था, इसलिए पुरातत्वविद इस बात की पुष्टि नहीं कर सके कि लोग उस पर बैठे थे या उस पर बैठे थे.
उच्च रैंकिंग के अधिकारियों के लिए ही
चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में पुरातत्व संस्थान के एक शोधकर्ता लियू रुई, जो उत्खनन टीम का हिस्सा थे उनका मानना है कि यह शौचालय युद्धरत राज्यों की अवधि (475-221 ईसा पूर्व) का हो सकता है और संभवत: उच्च रैंकिंग के अधिकारियों के लिए ही था. फिलहाल चीन में अब तक खोजा गया यह पहला और एकमात्र फ्लश शौचालय है.
मिट्टी के नमूनों का विश्लेषण
इस खोज के बारे में हाल ही में विस्तृत तरीके से बताया गया है. पुरातत्वविद् इस शौचालय से एकत्रित मिट्टी के नमूनों का विश्लेषण कर रहे हैं ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि उस समय लोगों ने क्या खाया था. फिलहाल रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक, मिट्टी के नमूनों में केवल हान राजवंश के दौरान किसानों द्वारा उपयोग किए जाने वाले उर्वरकों का पता चला है.
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