Indian Railways में 28 लोगों की लगी नौकरी! रोज ट्रेनें गिनने का था काम, 30 दिन बाद नहीं आई सैलरी तो हुआ बड़ा खुलासा
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Indian Railways में 28 लोगों की लगी नौकरी! रोज ट्रेनें गिनने का था काम, 30 दिन बाद नहीं आई सैलरी तो हुआ बड़ा खुलासा

Fake Job In Indian Railways: न्यू दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railways Station) के अलग-अलग प्लेटफार्म्स पर तमिलनाडु के कम से कम 28 लोग करीब एक महीने तक रोजाना आठ घंटे आने-जाने वाली ट्रेनों तथा उनके डिब्बों की गिनती कर रहे थे.

 

Indian Railways में 28 लोगों की लगी नौकरी! रोज ट्रेनें गिनने का था काम, 30 दिन बाद नहीं आई सैलरी तो हुआ बड़ा खुलासा

Indian Railways Fake Job: न्यू दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railways Station) के अलग-अलग प्लेटफार्म्स पर तमिलनाडु के कम से कम 28 लोग करीब एक महीने तक रोजाना आठ घंटे आने-जाने वाली ट्रेनों तथा उनके डिब्बों की गिनती कर रहे थे. उन्हें बताया गया था कि यही उनका काम है. वे इस बात से बेखबर थे कि वे नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दायर एक शिकायत के अनुसार, उन्हें बताया गया था कि यह यात्रा टिकट परीक्षक (टीटीई), यातायात सहायकों और क्लर्कों के पदों के लिए उनके प्रशिक्षण का हिस्सा था. रेलवे में नौकरी पाने के लिए उनमें से प्रत्येक ने दो लाख से 24 लाख रुपये के बीच की राशि का भुगतान किया था.

घोटाले में बुरी तरफ फंसे 28 लोग

इस मामले में शिकायत 78 वर्षीय एम सुब्बुसामी द्वारा दर्ज कराई गई. शिकायत के अनुसार, जून और जुलाई के बीच हुए एक महीने के प्रशिक्षण के लिए धोखेबाजों के एक समूह द्वारा पीड़ितों से 2.67 करोड़ रुपये ठगे गए. पूर्व सैनिक सुब्बुसामी पीड़ितों को कथित धोखेबाजों के संपर्क में लाए थे, लेकिन उन्होंने दावा किया कि वह इस बात से अनजान थे कि यह सब एक घोटाला था और वह भी उनके जाल में फंस गए.

आने-जाने वाली ट्रेनों को गिनने का काम दिया

मदुरै के एक पीड़ित 25 वर्षीय स्नेहिल कुमार ने कहा, “प्रत्येक उम्मीदवार ने सुब्बुसामी को दो लाख रुपये से लेकर 24 लाख रुपये तक की रकम का भुगतान किया, जिसने विकास राणा नाम के एक व्यक्ति को भुगतान किया. राणा ने दिल्ली में उत्तर रेलवे कार्यालय में खुद को एक उप निदेशक के रूप में पेश किया.” ज्यादातर पीड़ित इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा की पृष्ठभूमि वाले स्नातक हैं. तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले से सुब्बुसामी ने कहा, “मेरे रिटायरमेंट के बाद से, मैं अपने इलाके के बेरोजगार युवाओं को बिना किसी मौद्रिक हित के उपयुक्त नौकरी खोजने में मदद कर रहा हूं.”

पुलिस ने शुरू की मामले की जांच

एफआईआर में, उसने आरोप लगाया है कि वह दिल्ली के एक एमपी क्वार्टर में कोयम्बटूर निवासी शिवरमन नामक व्यक्ति से मिला था. शिवरमन ने सांसदों और मंत्रियों के साथ अपनी जान-पहचान का दावा किया और मौद्रिक लाभ के बदले बेरोजगारों के लिए रेलवे में रोजगार की पेशकश की. जिसके बाद सुब्बसामी नौकरी की तलाश कर रहे तीन लोगों के साथ दिल्ली आया और बाद में नौकरी पाने के लिए 25 लोग और उनके साथ आए. ईओडब्ल्यू ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि यह एक नौकरी घोटाला था और आगे की जांच चल रही है. रेल मंत्रालय में मीडिया और संचार के अतिरिक्त महानिदेशक योगेश बवेजा ने इस तरह के नौकरी घोटालों के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि रेलवे बोर्ड नियमित रूप से सलाह जारी कर रहा है और आम लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी के खिलाफ सतर्क कर रहा है.

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