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अपने छोटे से घर के ढहने के बाद एक साल से शौचालय में रह रही पैंतालीस वर्षीय मुरुगा को गुरुवार को यह खबर मिली कि बिजली मंत्री के कृष्णनकुट्टी के मामले में हस्तक्षेप के बाद अब उनकी देखभाल की जाएगी. मुरुगा को इस बीच उनके पति और उनकी गोद ली हुई बेटी का भी साथ नहीं मिला था. मुरुगा पलक्कड़ जिले की रहने वाली हैं.
यहां गुरुवार को एक टीवी चैनल पर मुरुगा को लेकर खबर दिखाई गई, जिस पर कृष्णनकुट्टी की नजर पड़ी. जनता दल से संबंधित कृष्णनकुट्टी मूल रूप से इसी जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने जिलाधिकारी समेत अपनी पार्टी के कार्यकतार्ओं संग विषय पर बात कीं. मंत्री ने कहा, 'मैं इंतजाम कर रहा हूं कि उनकी पीड़ा हमेशा के लिए खत्म हो जाए. उन्हें उचित इलाज के साथ रहने के लिए एक घर भी मिलेगा.'
कृष्णनकुट्टी के कहे जाने के बाद जल्द ही स्थानीय ग्राम परिषद के अधिकारी उस जगह पहुंचे, जहां मुरुगा शौचालय में रह रही थीं. उनके सचिव ने कहा कि पहले महिला को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जाएगा और फिर उन्हें रहने के लिए एक अच्छी जगह पर ले जाया जाएगा. मुरुगा एक दुर्घटना का शिकार होने के बाद से एक वॉकर की मदद से चलती हैं और ज्यादा दूर जाने से बचती हैं. आस-पास रहने वाले लोग ही उन्हें खाने के लिए भोजन उपलब्ध कराते हैं.
मुरुगा कहती हैं, 'मैं अब बहुत खुश हूं कि मेरी परेशानी खत्म हो रही है. लोगों ने मेरी दिक्कतों को देखते हुए मदद का हाथ बढ़ाया है. मैं वाकई में सभी की आभारी हूं.' इस बीच जनता दल (एस) की युवा शाखा भी आगे आई है और उन्होंने मुरुगा को एक छोटा सा घर बना देने का वादा किया है.