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Knowledge News: हम रोजाना अपने जेब में कई नोट रखकर चलते हैं, जहां कुछ खरीदना होता है तो उसका यूज करते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर नोट किस चीज से तैयार किया जाता है? ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि नोट को किसी कागज से बनाया जाता है, जबकि यह उत्तर गलत है. कागज के नोट की उम्र लंबी नहीं होती, इस वजह से नोट को तैयार करने के लिए कागज नहीं बल्कि कपास यूज किया जाता है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक, नोट में सौ प्रतिशत कपास का यूज होता है, जिससे नोट लंबे समय तक चलता है.
अगर आप से कोई सवाल करता है कि नोट किससे बनते हैं, तो अधिकतर लोगों का जवाब कागज होगा. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि नोट कागज के नहीं बल्कि कपास के बनते हैं. इसके पीछे एक कारण है. दरअसल, कपास कागज की तुलना में ज्यादा मजबूत होते हैं. इसलिए वो जल्दी फटते नहीं हैं. भारत ही नहीं बल्कि कई देशों में नोट बनाने के लिए कपास का इस्तेमाल किया जाता है.
कपास के रेशे में लेनिन नाम का फाइबर होता है. नोट बनाते वक्त कपास के साथ-साथ गैटलिन और आधेसिवेस नाम के सोलुशन का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे नोट की उम्र लंबी हो जाती है. भारतीय नोटों में सबसे ज्यादा सिक्योरिटी फीचर होते हैं, जिसकी वजह से नकली या जालसाली नोटों पर आसानी से विराम लगाया जा सकता है. भारतीय नोटों के डिजाइन को समय-समय पर बदला जाता रहा है.
अधिनियम की धारा 22 के अनुसार, रिज़र्व बैंक को भारत में बैंक नोट जारी करने का एकमात्र अधिकार है. रिजर्व बैंक, केंद्र सरकार और अन्य हितधारकों के परामर्श से, एक वर्ष में मूल्यवर्ग के अनुसार आवश्यक बैंक नोटों की मात्रा का अनुमान लगाया जाता है और बैंक नोटों की आपूर्ति के लिए विभिन्न मुद्रा प्रिंटिंग प्रेसों के साथ मांग करता है.
रिजर्व बैंक अपनी स्वच्छ नोट नीति के संदर्भ में जनता को अच्छी गुणवत्ता वाले बैंकनोट प्रदान करता है. इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए प्रचलन से वापस प्राप्त बैंकनोटों की जांच की जाती है और जो प्रचलन के लिए उपयुक्त हैं उन्हें फिर से जारी किया जाता है जबकि अन्य (गंदे और कटे-फटे) को नष्ट कर दिया जाता है ताकि प्रचलन में बैंक नोटों की गुणवत्ता बनी रहे.