Knowledge Story: ऐसा राजनेता जो भारत का वित्त मंत्री और पाकिस्‍तान का प्रधानमंत्री बना, जानिए कैसे
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Knowledge Story: ऐसा राजनेता जो भारत का वित्त मंत्री और पाकिस्‍तान का प्रधानमंत्री बना, जानिए कैसे

भारत-पाकिस्‍तान (India-Pakistan) एक-दूसरे के कट्टर दुश्‍मन है, ऐसे में इस बात की कल्‍पना करना भी मुश्किल है कि कोई राजनेता (Political Leader) इन दोनों देशों की सरकार में ऊंचे पद पर रहे. लेकिन लियाकत अली खान (Liaquat Ali Khan) भारत के वित्त मंत्री और फिर पाकिस्‍तान के पीएम बने. 

(फोटो: एमएम न्‍यूज)

Knowledge Story: भले ही अखंड भारत (Akhand Bharat) के टुकड़े करवा कर पाकिस्तान (Pakistan) को अलग देश बनाने वालों में प्रमुख नाम मोहम्‍मद अली जिन्‍ना का लिया जाता है लेकिन इन लोगों में एक अहम नाम लियाकत अली खान (Liaquat Ali Khan) का भी शामिल है. 

  1. भारत-पाकिस्‍तान दोनों की सरकारों में रहे खान 
  2. आजादी से पहले भारत की अंतरिम सरकार में थे वित्त मंत्री
  3. आजादी के बाद पाकिस्‍तान के बने पीएम 

लियाकत अली खान ही पाकिस्‍तान के पहले प्रधानमंत्री (First PM of Pakistan) बने थे. हालांकि इसके कुछ ही साल बाद आज (16 अक्‍टूबर) के ही दिन उनकी हत्‍या कर दी गई थी. इस राजनेता के बारे में कमाल की बात ये है कि वे न केवल पाकिस्‍तान के प्रमुख के पद तक पहुंचे, बल्कि उन्‍होंने भारत की सरकार (Interim Government of India) में भी अहम रोल निभाया था. 

भारत की अंतरिम सरकार में थे वित्‍त मंत्री 

भारत की आजादी के लिए जब ब्रिटिशर्स के साथ समझौता और बातचीत चल रही थी, तब भारत की अंतरिम सरकार में लियाकत अली खान वित्त मंत्री (Finance Minister) के पद पर थे. वहीं पंडित जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री थे, जो कि आजाद भारत के भी पहले प्रधानमंत्री बने. बाद में पाकिस्‍तान की पहली सरकार में प्रधानमंत्री रहते हुए लियाकत अली खान ने विदेश और रक्षा मंत्रालय भी संभाला था. पाकिस्‍तान के एमएम न्‍यूज.टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक 4 साल से ज्‍यादा समय तक पाकिस्‍तान के पीएम रहे लियाकत अली खान की 16 अक्‍टूबर 1951 को रावलपिंडी में हत्‍या कर दी गई थी. देश में उन्‍हें शहीद का दर्जा दिया गया है. 

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पेश किया था भारत का बजट 

1947 में देश को आजादी मिलने से पहले की अंतरिम सरकार में वित्त मंत्री रहे खान ने भारत सरकार का बजट भी पेश किया था. लेकिन भारत-पाकिस्‍तान बंटवारे के बाद लियाकत अली खान के प्रधानमंत्री रहते हुए भारत पर हमला हुआ था. कहा जाता है कि खान चाहते तो पाकिस्‍तानी सेना के इस हमले को रोक सकते थे, लेकिन उन्‍होंने ऐसा नहीं किया. 

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