America के इस शख्स को घरवाले महीनों तक खिलाते रहे Grasshopper, लेकिन क्यों?
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America के इस शख्स को घरवाले महीनों तक खिलाते रहे Grasshopper, लेकिन क्यों?

शोध में सामने आया है कि व्यक्ति एक बीमारी के चलते कुपोषण का शिकार हो गया था. जिसके बाद उसके घरवालों ने उसे लगातार कई महीनों तक टिड्डियां (Grasshopper) खिलाईं. इसके बाद उस शख्स की दर्दनाक मौत हो गई.

America के इस शख्स को घरवाले महीनों तक खिलाते रहे Grasshopper, लेकिन क्यों?

नई दिल्ली: अमेरिका में रहने वाले एक शख्स की मौत पर बड़ा खुलासा हुआ है. करीब 1000 से 1400 साल पहले मर चुके इस आदमी की 'ममी' पर हुई रिसर्च आपको हैरानी में डाल देगी. इस रिसर्च में सामने आया है कि इस शख्स के घरवाले महीनों तक इसे टिड्डियां खिलाते रहे. 

  1. 1000 से 1400 साल पहले हुई थी व्यक्ति की मौत
  2. 1937 में मिले अवशेष पर की गई रिसर्च
  3. घरवाले महीनों तक खिलाते रहे टिड्डियां (Grasshopper)

'ममी' पर हुई रिसर्च

लाइवसाइंस जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका (US) के टेक्सास शहर में रहने वाले इस शख्स की 'ममी' पर की गई खोज की गई थी. इस खोज में सामने आया है कि व्यक्ति की दर्दनाक मौत हुई थी. मौत का कारण था कब्ज. इस व्यक्ति के बचे हुए अवशेषों पर जब वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया तो पाया कि मौत से कई महीने पहले से ये शख्स टिड्डियां (Grasshopper) खाता आ रहा था. 

पेट सूज कर हो गया 6 गुना

शोध के मुताबिक इस शख्स को छागस (Chagas) नाम की एक बीमारी हो गई थी. जिससे इस आदमी का पेट सूज कर 6 गुना हो गया था. पेट के इतने ज्यादा सूज जाने से उसकी पाचन शक्ति खत्म हो गई और धीरे-धीरे ये शख्स कुपोषित हो गया. शोधकर्ताओं की मानें तो ये व्यक्ति इतना ज्यादा कुपोषित हो चुका था कि अपने पैरों पर खड़ा तक नहीं हो पाता था.

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पाचन शक्ति भी खत्म हुई

शोध कर रहे ब्रास्का-लिंकन (Nebraska–Lincoln) यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कार्ल रेनहार्ड ने बताया कि कुछ भी हजम न कर पाने की वजह से उसके घरवालों और रिश्तेदारों ने उसे टिड्डियां खिलाईं. इन टिड्डियों के पैर निकाल दिए गए थे, जिससे उसको इन्हें पचाने  में आसानी हो.

1937 में मिले थे अवशेष

इस शख्स के अवशेष 'गाय स्काइल्स' नाम के एक व्यक्ति को 1937 में मिले थे. इसको 1968 तक एक छोटे से म्यूजियम में रखा गया था, जिसके बाद इसे इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्सन कल्चर को रिसर्च के लिए दे दिया गया. इस शख्स की 'ममी' पर साल 1790, 1980 और 1986 में भी शोध हुए हैं.

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