न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अटलांटिक तट पर स्थित कनाडा के न्यू ब्रंसविक प्रांत में इस रहस्यमयी बीमारी के मरीज मिले हैं. मरीज सपने में मरे हुए लोगों को देखते रहे हैं. इसके बाद से कनाडा में लोगों में डर पैदा हो गया है. हालांकि कनाडा के कई न्यूरोलॉजिस्ट बीमारी के कारण का पता लगाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं.
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह बीमारी सेलफोन टावरों के रेडिएशन से फैल रही है. वहीं, कई वैज्ञानिक हैं जो इस बीमारी के लिए COVID वैक्सीन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. हालांकि, इनमें से किसी भी दावे की कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है.
वैज्ञानिकों ने बताया कि कनाडा में यह बीमारी करीब 6 साल पहले फैलने लगी थी. दर्जनों लोग इसकी चपेट में आ चुके थे, जिनमें से 6 की मौत भी हो गई. लेकिन 15 महीने पहले ही कोविड वायरस महामारी का कहर शुरू हो गया था, जिससे लोगों और स्वास्थ्य अधिकारियों का ध्यान इस बीमारी से भटक गया था.
हालांकि, इतने समय तक इस बीमारी का अध्ययन करने के बाद भी वैज्ञानिकों के पास इस बीमारी का नाम तक नहीं है. लोग लगातार यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या यह बीमारी पर्यावरण से फैल रही है? क्या यह अनुवांशिक है? या यह मछली या हिरण का मांस खाने से फैलता है? यह सब नहीं तो और क्या है? लेकिन वैज्ञानिक कुछ भी स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं.
इस रहस्यमयी बीमारी के बारे में सार्वजनिक जानकारी मार्च में तब आई, जब न्यू ब्रंसविक के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में इसका उल्लेख किया. डॉक्टरों का कहना है कि इस पर धीमी प्रतिक्रिया वैश्विक महामारी के दौरान अन्य चिकित्सा स्थितियों की चुनौती को रेखांकित कर रही है. विज्ञान में असाधारण प्रगति के बावजूद हम मानसिक रोगों या तंत्रिका संबंधी रोगों के जानकारी में अभी भी पीछे हैं.
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