Finance Ministers: वित्त मंत्री निर्मला सीताराम अपने पांचवें बजट को लेकर चर्चा में हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में उनका यह पांचवां बजट है. लेकिन इतिहास में बजट भाषण के दौरान कई बार ऐसा भी हुआ जब तत्कालीन वित्त मंत्रियों या रेल मंत्रियों ने कुछ ऐसी बातों का जिक्र कर दिया था कि संसद में ठहाके गूंजने लगे थे. आइए ऐसी ही कुछ घटनाओं पर नजर डालते हैं.
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Funny Budget Speeches In Parliament: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में आम बजट पेश किया है. अपने पांचवें बजट में सीतारमण ने लोगों को कई सौगाते दी हैं. इसके अलावा उन्होंने टैक्स स्लैब में बदलाव को लेकर बड़ा ऐलान किया. लेकिन इन सबके बीच सीतारमण ने अपने 90 मिनट के बजट भाषण में इस बार कोई शेर या शायरी का जिक्र नहीं किया है. जबकि पहले कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जब बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्रियों या रेल मंत्रियों की शायरी या उनके हलके फुल्के अंदाज पर संसद में ठहाके गूंज उठे. आई इनके बारे में कुछ जानते हैं.
सीतारमण की हिंदी भी चर्चा में रही है!
केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीताराम का यह पांचवां बजट है. सीतारमण ने इस बार 90 मिनट का बजट भाषण किया है. लेकिन उनका सबसे लंबा बजट भाषण 2020 में था जब उन्होंने 2 घंटे 40 भाषण दिया था. लेकिन 2019-20 का बजट भाषण पढ़ते हुए निर्मला सीतारमण ने अपनी मजेदार हिंदी में शेर पढ़ा कि ‘यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है; हवा की ओट लेकर भी चराग जलता है.’ उन्होंने इस दौरान अपनी हिंदी को लेकर सदस्यों से माफी मांगी तो अभी अपनी हंसी नहीं रोक पाए थे.
जब सुरेश प्रभु बोले- सब प्रभु के हवाले
पहले रेल बजट आम बजट से अलग होता था और उसका अलग से बजट पेश होता था. लेकिन 2017 से वित्त मंत्री ही रेल बजट को आम बजट में बताते हैं. जब मोदी सरकार बनी तब सुरेश प्रभु को रेल मंत्री बनाया गया था. साल 2015 में सुरेश प्रभु रेल बजट पेश कर रहे थे. इस दौरान जब ट्रेनों के सही समय पर सुरेश बोले- हे प्रभु, ये कैसे होगा. इसके बाद वे फिर बोले कि उस प्रभु ने तो जवाब नहीं दिया अब इस सुरेश प्रभु को ही कुछ करना होगा. इसके बाद पूरा सदन हंसने लगा.
यशवंत सिन्हा बोले थे- हम आपके हैं कौन?
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने 1999 में बजट पेश किया था. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बजट में उन्होंने फिल्म उद्योग के लिए खास रियायत की घोषणा की थी. इसके बाद उन्होंने जैसे ही यह कहा कि अब बॉलीवुड वाले यह नहीं पूछेंगे कि हम आपके हैं कौन, यशवंत सिन्हा के इस अंदाज पर संसद के सदस्य खूब हंसे थे.
लालू के मजाक पर सब खिलखिलाकर हंसे थे!
लालू यादव रेल मंत्री रहते हुए कुछ 6 रेल बजट पेश किए हैं. एक बार सदन में बैठे कुछ लोगों ने उनकी चुटकी लेते हुए कहा-‘लालू जी अंग्रेजी में भी सुनाइए तो उन्होंने पलट कर जवाब दिया कि आई विल ट्रांसलेट इट टू इंग्लिश’ और कहा कि मैंने रेलवे के लिए स्वीट फ्रूट ट्री लगाया है, जो अब स्वीट-स्वीट फल दे रहा है. इसके बाद सदन ठहाकों से गूंज उठा.
प्रणब दा का अंदाज निराला था
देश के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे प्रणब मुखर्जी एक बार बजट पेश कर रहे थे तो उन्होंने महिलाओं और प्रेशर कुकर का जिक्र किया. हुआ यह कि प्रणब मुखर्जी बजट भाषण में देश की महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब महिलाओं पर घर के काम का प्रेशर नहीं बनेगा बल्कि यह काम प्रेशर कुकर करेगा. उनके इस अंदाज पर सब हंसने लगे.
मनमोहन सिंह के भी खूब हैं किस्से
पूर्व प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में 1991 में बड़ा ही करिश्माई बजट पेश किया था. ऐसा माना जाता यही कि इस बजट से देश की तकदीर का रुख मोड़ दिया था. उस समय नरसिम्हा राव पीएम थे और अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष में नेता थे. मनमोहन के बजट भाषण पर वाजपेयी ने कई तीखे सवाल दागे तो मनमोहन को इतना बुरा लगा कि वे इस्तीफे की बात करने लगे. बताया जाता है कि इसके बाद पीएम नरसिम्हा राव और वाजपेयी ने मनमोहन को समझाया कि पक्ष और विपक्ष के बीच सवाल होने चाहिए.
इस बार नहीं हुई कोई शायरी!
इसके अलावा भी कई ऐसे वाकये हुए हैं जब मंत्रियों ने अपने बजट भाषण में अपने अनोखे अंदाज से लोगों को खूब हंसाया है. फिलहाल निर्मला सीताराम अपने पांचवें बजट को लेकर चर्चा में हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में उनका यह पांचवां बजट है. सीतारमण ने अपने 90 मिनट के बजट भाषण में इसबार कोई शायरी नहीं कही है.
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