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1943 Question Paper Viral: क्या आप आज के सवालों को हल करने के लिए गूगल का सहारा लेते हैं? जरा सोचिए करीब 70-80 साल पहले सवालों का जवाब पाने के लिए लोग पहले किताबों में उलझा करते थे, या फिर संबंधित टीचर के पास जाकर उसका हल मांगा करते थे. फिलहाल, आज का समय बदल चुका है. अब तो लोग ऑनलाइन क्लास, फोन या फिर गूगल का सहारा लेकर अपने जवाब खोज लेते हैं. स्कूलों में अब पढ़ाई भी ऑनलाइन बेस्ड हो चुकी हैं. इतना ही नहीं, प्रोजक्ट बनाने का भी ट्रेंड कुछ सालों पहले आया. सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जो करीब 80 साल पहले सन 1943 में एक स्कूल का हाई ईयरली क्वेश्चन पेपर है.
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1943 में 5वीं क्लास का प्रश्न पत्र वायरल
इस वायरल होने वाले पेपर में आप देख सकते कि यह पेपर कॉमर्स का है और इसमें कुल 10 सवाल पूछे गए हैं. सन 1943-44 के प्रश्न पत्र में कुल 10 सवालों में से 8 सवाल के जवाब देने हैं और छात्र के पास सिर्फ ढाई घंटे हुआ करते थे. यह प्रश्न पत्र कुल 100 अंक है और पासिंग मार्क्स 33 है. इस पुराने प्रश्नों को देखने के बाद आज के 10वीं के छात्र भी हैरान रह जाए. सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले इस प्रश्न पत्र को देखकर पढ़े-लिखे लोग भी सोच में पड़ जाएंगे. इस तस्वीर को रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर बद्री लाल स्वरंकर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है.
देखें वायरल ट्वीट-
Look at the standard of #Class_V papers in the half yearly #examination in 1943-44 in #India. The #matric_system has made the system so easy! pic.twitter.com/kMYoP2fgnL
— Badri Lal Swarnkar IAS (R) (@BLSwarnkar2) May 2, 2023
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रिटायर्ड IAS ऑफिसर ने प्रश्न पत्र किया शेयर
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी ने ट्वीट में लिखा, "भारत में 1943-44 में अर्धवार्षिक परीक्षा में कक्षा पांचवी के प्रश्नपत्रों के मानक देखें. मैट्रिक सिस्टम ने सिस्टम को इतना आसान कर दिया है!" इस पेपर के अनुसार, अगर आज के 5वीं क्लास से बच्चे एक-दो सवाल का भी जवाब दे दें, तो बहुत बड़ी बात है. हालांकि, सभी सवाल और अंक हिंदी भाषा में लिखे हुए हैं, जिसे आज के युग के छात्रों द्वारा समझ पाना नामुमकिन जैसा है. ज्यादातर अंग्रेजी मीडियम से पढ़ने वाले बच्चे हिंदी में लिखे जाने वाले नंबरों से अंजान है. यही वजह है कि उन्हें इसका जवाब पता हो पाना शायद ही मुमकिन है. सोशल मीडिया पर यह पेपर काफी वायरल हो रहा है.